उत्तराखण्ड क्राइम नैनीताल

जमीन खरीद फरोख्त के मामले में  4 वर्ष के कठोर कारावास व दस हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सुनाई सज़ा……

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नैनीताल-नैनीताल ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश एस. सी. एस. टी. एक्ट नैनीताल सुजाता सिंह ने जमीन खरीद फरोख्त के बिचौलिए द्वारा क्रय किये गए प्लॉट में जाने से रोकने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोपी को 4 वर्ष के कठोर कारावास व दस हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है । कोर्ट ने अभियुक्त भुवन चन्द्र धारीवाल पुत्र स्व० दूर्गा दत्त धारीवाल नि०-हल्दूचौड, जग्गी थाना लालकुआं जनपद नैनीताल को धारा 323 भा. द. स. में छः माह का कारावास व धारा 504 में एक वर्ष का कारावास तथा धारा 506 भा. द. स. में दो वर्ष का कारावास व धारा 3 (1) द.व. एस. सी. एस. टी. एक्ट में चार वर्ष का कारावास व दस हजार रूपये से दण्डित किया हैं । अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई है। ये सजाएं एक साथ चलेंगी ।

 

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अभियोजन पक्ष जे अनुसार 22 अगस्त 2020 को थाना लालकुंआ में कमल आर्या पुत्र गणेश लाल नि०- हल्दूचौड, जग्गी लालकुआ ने रिपोर्ट लिखाई कि वह अनुसूचित जाति का व्यक्ति है उसने भुवन चन्द्र धारीवाल के माध्यम से नवीन चन्द्र जोशी से हल्दूचौड जग्गी में 1200 वर्गफिट का एक प्लाट क्रय किया गया था। उक्त प्लाट की रजिस्ट्री की रकम प्रार्थी द्वारा नवीन चन्द्र जोशी को व शेष रकम उक्त अभियुक्त भुवन चन्द्र धारीवाल द्वारा कमीशन के तौर पर दी गई थी ।

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उक्त प्लाट का दाखिल खारिज भी रिपोर्टकर्ता के नाम पर हो चुका है। किन्तु बिचौलिए भुवन चन्द्र धारीवाल द्वारा उसे अपने क्रय किये गए प्लॉट में जाने से रोका गया और उसके साथ मारपीट करते हुए उसके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और भविष्य में क्रय किये गए प्लॉट में जाने पर उसे व उसके परिवार को मारने की धमकी दी गई ।

 

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा पैरवी करते हुए अभियोजन के तथ्यों को साबित करने हेतु गवाह कोर्ट इन पेश कराए। गवाहों द्वारा अपने बयानों में कहा कि अभियुक्त क्षेत्र में बिचौलिये का काम करता है और रजिस्टरी होने के पश्चात खरीददारों को जमीन पर कब्जा नहीं करने देता है । अभियुक्त ने क्षेत्र के कुछ और लोगों के साथ भी ठगी की है । जिसमें उसकी पत्नी भी भागीदार है । अभियुक्त सुनवाई के दौरान जमानत पर था और  न्यायालय द्वारा सजा सुनाने के बाद अभियुक्त भुवन चन्द धारीवाल को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेजा गया।

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