उत्तराखण्ड किच्छा क्राइम

नाटकीय ढंग से आरोपियों ने नहीं बल्कि पुलिस ने सुनाई कहानी-जाने क्या है पूरा मामला..

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कांग्रेस नेता सिंधी के साथ मारपीट का खुलासा

पुलिस पर लगा फर्जी खुलासे का आरोप आरोपियों की जगह पुलिस ने बताई हमले की दास्तान

किच्छा-(एम सालीम् खान) यहां कांग्रेस नेता गुलशन सिंधी पर हुए जान लेवा हमले का खुलासा किच्छा पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफतार किया है। अभी भी एक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।इस पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि दोस्त की बहन के साथ छेड़छाड़ करने पर इन्होंने कांग्रेस नेता गुलशन सिंधी पर हमला किया था।

इस मामले को लेकर किच्छा विधायक तिलक राज बेहड सहित दर्जनों कांग्रेसियों ने किच्छा कोतवाली पर धरना प्रदर्शन कर मामले के आरोपित लोगों की गिरफ्तारी की मांग उठाई थी।इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पुलिस ने घटनास्थल पर लगें सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।

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इस मामले में पुलिस ने उत्तमनगर गुरुद्वारा के पास से पुलभट्टा क्षेत्र से उक्त मामले में आरोपी हरमन सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह निवासी छोई थाना रामनगर जनपद नैनीताल,अमृत पाल सिंह पुत्र सुखदेव सिंह निवासी लोक विहार कालोनी थाना रुद्रपुर व अजय पाल सिंह पुत्र देवेन्द्र सिंह विर्क निवासी डिबडिबा थाना बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है।

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वही इस मामले का एक आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।सीओ ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपित युवकों ने बताया कि गुलशन सिंधी उसके दोस्त की बहन को रास्ते में आते जाते छेडता था और उसे सहकारी समिति में नौकरी दिलाने का झांसा देता था।इस मामले जब गुलशन सिंधी से बात की गई तो उसके सहयोगियों ने होटल में उन पर हमले की कोशिश की जिसके बाद उन्होंने गुलशन सिंधी के साथ मारपीट शुरू कर दी।

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वही पुलिस का यह खुलासा किसी के गले नहीं उतर रहा है।एक कांग्रेसी नेता का कहना है कि पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी सुनाकर इस मामले को दबाने का प्रयास किया है।ऐसा पहली बार हुआ है कि जब आरोपियों की जगह पुलिस ने किसी मामले का खुलासा स्वयं किया है।

जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाएं जा रहें हैं। हालांकि आरोपियों से जब पूछा गया तो उन्होंने घटना में अनभिगिया जाहिर की। पुलिस टीम में उपनिरीक्षक शंकर सिंह, सिपाही बृजमोहन सिंह, गंगा सिंह, रामेश्वर सिंह, जगमोहन सिंह शामिल हैं।

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