काशीपुर-(सुनील शर्मा) काशीपुर में आज होम्योपैथी के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश भर के सैकड़ों डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रुप में उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री तथा सहकारिता मंत्रालय संभाल रहे धन सिंह रावत ने शिरकत की। इसके अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने सुभाष चंद्र बोस एकल छात्रावास का उद्घाटन करने के साथ-साथ आईआईएम काशीपुर का की निरीक्षण किया।
आपको बताते चलें कि काशीपुर में आज होम्यो क्योर एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट के द्वारा एंड होम्योपैथी- द फ्यूचर मेडिसिन नामक विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सेमिनार में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को फूलमाला एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। काशीपुर में कुंडेश्वरी रोड स्थित एक रिसॉर्ट के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में देश भर के सैकड़ों डॉक्टरों ने होम्योपैथी में की गई रिसर्च के अपने अनुभवों को साझा किया।
इस दौरान सेमिनार के बारे में मीडिया से रूबरू होते हुए आयोजक डॉ रजनीश शर्मा ने कहा कि काशीपुर में आयोजित होने वाली सेमिनार उत्तराखंड में पहली सेमिनार है। उन्होंने कहा कि देश एवं विदेश के डॉक्टरों के द्वारा होम्योपैथी के क्षेत्र में जो रिसर्च की गई उसमें उनके शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण आज किया गया है, उन प्रस्तुतीकरण में नई रिसर्च सामने आई जिसमें होम्योपैथी में हम क्या नहीं जानते थे और क्या हम जान गए हैं तथा क्या हम जान सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्या गलतियां हम करते रहे हैं
जिनमें हम क्या सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी की कुछ भ्रांतियों को आज दूर किया गया जिसमें यह भी एक भ्रांति है कि होम्योपैथिक के कुछ साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। होम्योपैथिक के साइड इफेक्ट होते हैं लेकिन अन्य पद्धतियों की तरह साइड इफेक्ट बुरे नहीं होते हैं। कोविड-19 समय में होम्योपैथी दवाई कारगर सिद्ध हुई है। जिन लोगों ने भी कोविड-19 के समय में होम्योपैथी दवाई का सेवन किया उसे कोरोना नहीं हुआ या हुआ तो बहुत कम लक्षण आए।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य का यात्री हमारे राज्य में अगर दुर्घटना में चोटिल हो जाता है तो उसका इलाज फ्री किया जाएगा इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। जल्द ही भारत सरकार द्वारा प्राप्त धनराशि से देहरादून में होम्योपैथी का कॉलेज बनाए जाने की सरकार की योजना है तो वहीं उन्होंने कहा कि एनएचएम के तहत 26 होम्योपैथिक चिकित्सकों को संविदा में नियुक्त कर दिया है,
277 चिकित्सकों के नियुक्ति का भारत सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि एक ही छत के नीचे होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक तथा एलोपैथिक डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए। ऐसे में अब तय है कि जल्द ही राज्य के प्रत्येक हॉस्पिटल में तीनों ही पद्धतियों के डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही उधम सिंह नगर जिले में एम्स की स्थापना होने जा रही है जिसके लिए सरकार ने 100 एकड़ जमीन तय कर दी है।
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