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स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मुक्ति पर्व समागम संपूर्ण भारतवर्ष में 78 वां स्वतंत्रता दिवस

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काशीपुर- काशीपुर में बीती शाम देशवासियों ने एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। संत निरंकारी मिशन देश की आजादी के साथ-साथ इस दिन को “मुक्ति पर्व” के रूप में मनाता है। बाबा हरदेव सिंह जी कहा करते थे कि स्वतंत्रता यदि सही दिशा में अपनाई जाए, तभी कायम रहती है! शाखा काशीपुर में निरंकारी भवन पर भी कल शाम सेवादल की रैली एवं अन्य कार्यक्रमों के अतिरिक्त शाम को एक विशाल सत्संग का आयोजन किया गया!

 

इस कार्यक्रम की ब्रांच लेवल पर अध्यक्षता करते हुए मुखी-राजेंद्र अरोड़ा द्वारा उन संत महापुरुषों का जिक्र किया गया जिन्होंने भक्ति के मार्ग पर चलते हुए खुद को समर्पित किया। संपूर्ण भारतवर्ष में संत निरंकारी मिशन की लगभग सभी शाखाओं में 15 अगस्त का दिन मुक्ति पर्व के रूप में मनाया गया। शहंशाह बाबा अवतार सिंह, जगत माता बुधवंती जी, बाबा हरदेव सिंह जी माता सविंदर हरदेव जी, और हो गुजरे उन महापुरुषों का भी जिक्र किया गया।जिन्होंने सतगुरु के वचनों की पालना करते हुए अपना संपूर्ण जीवन भक्ति में लगा दिया।

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और मानवता की खातिर उन संतो ने प्रेम भाईचारे की भावना, परोपकार और समर्पण से भक्ति भरा जीवन जीकर एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। 15 अगस्त 1964 में बाबा अवतार सिंह जी की जीवन संगिनी जगत माता बुद्धवंती जी की स्मृति में शहंशाह जगत माता दिवस के रूप में मनाया गया। सन 1979 में बाबा गुरबचन सिंह जी ने इस दिन को मुक्ति पर्व का नाम दिया! *आज़ सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज यही संदेश दे रहे हैं कि जैसे अनेक रंग जब एक हो जाते हैं तो उनको कोई अलग नहीं कर सकता वैसे ही जब हम परमात्मा के साथ एक रूप हो जाते हैं

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तो हमारी भावना भी सबके प्रति एक ही होनी चाहिए।आज के इस कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्र से भी अनेक महापुरुष भाई बहन यहां उपस्थित हुए! सभी भक्तों ने भक्ति पर दृढ़ता और विश्वास के साथ अनेक उन ब्रह्मलीन संतों का जिक्र करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्ति की। ब्रह्मज्ञानी मुक्त होकर सारे काम करता है।

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हर पल की मुक्ति ही मुक्ति पर्व है। ब्रह्मज्ञानी हर पल मुक्ति पर्व मनाते हैं मुखी राजेंद्र अरोड़ा द्वारा आए हुए सभी संतो का धन्यवाद किया गया तथा मंच संचालन मिथिलेश भारद्वाज द्वारा किया गया। यह समस्त जानकारी निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा दी गई।

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