कांग्रेस प्रत्याशी व अनिल शर्मा के साथ ट्रांजिट कैंप में हुई समीक्षा बैठक
कांग्रेस के कद्दावर नेता और महानगर कांग्रेस कमेटी को बताया हार का मुख्य कारण
भाजपा विधायक शिव अरोरा ने करीब बीस हजार मतों से हराया कांग्रेस प्रत्याशी मीना को
मुस्लिमों को भी रिझाने में असफल रही कांग्रेस
रुद्रपुर-(एम् सलीम खान) कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा की बड़ी हार के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार को लेकर कांग्रेस ने अपने ही पार्टी के नेताओं के सिर पर ठीकरा है। रुद्रपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने करारी हार के असंतोष खुलकर सामने आया है। कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ समीक्षा बैठक की तों स्थानीय कांग्रेस संगठन व एक बड़े कांग्रेसी नेता को हार का मुख्य जिम्मेदार ठहराया गया।
अपनो की ओछी राजनीति का शिकार बनी कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा को चुनाव हारने में और कोई नहीं बल्कि उन्ही के पार्टी के कुछ नेताओं का नाम सामने आया है। रुद्रपुर सीट पर इन चुनावों में कांग्रेस अनुकूल परिस्थितियों में थी। भाजपा दो गुटों में बंटी हुई थी। मोदी सरकार विरोधी लहर भी जोरों पर थी।इस संबके बावजूद भी कांग्रेस रुद्रपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गई। वही भाजपा प्रत्याशी शिव अरोरा ने कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा को बीस हजार मतों के बड़े अंतर से पराजित करने में सफलता हासिल की।
इसमें कांग्रेसियों के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश दिखाई दिया। कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा ने समर्थकों के साथ करारी हार के कारणों की समीक्षा बैठक की। सबसे पहले कांग्रेस नेता और प्रत्याशी मीना शर्मा के पति अनिल शर्मा ने ट्रांजिट कैंप पहुंचकर, समर्थकों के साथ बैठक की। जिसमें पता चला कि इसमें मीना शर्मा की हार का मुख्य कारण स्थानीय कांग्रेस संगठन और एक कांग्रेसी नेता उनकी हार का मुख्य कारण बने। वही आरोप यह भी है कि कांग्रेस के स्थानीय संगठन ने इन चुनावों में युद्ध स्तर पर कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव जिताने में खास दिलचस्पी नहीं ली। वही उन्होंने कहा कि न तो बूथ कमेटियों को सक्रिय किया गया और नहीं नेताओं ने आम जनता से संपर्क किया।
वही कांग्रेस के एक बड़े नेता के सहयोगियों पर आरोप लगते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये लोग शहर की जगह कहीं दूसरी जगह सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। अपने क्षेत्र को छोड़ कर किसी अन्य व्यक्ति के लिए प्रचार में जुटे हुए थे। ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा पर संगीन आरोप लगाएं गए हैं। संदीप चीमा ने इसी सीट से कांग्रेस का टिकट लेने की दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने हीन भावना निभाते हुए कांग्रेस उम्मीदवार मीना शर्मा का चुनाव प्रचार नहीं किया। वही पूरे चुनावी रण में वह नदारत रहे। उनकी इस बेरुखी का सामना कांग्रेस प्रत्याशी मीना शर्मा को करना पड़ा।
वही लंबे समय से महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर कब्ज़ा किया बैठे जगदीश तनेजा भी इन चुनावों में सक्रिय भूमिका नजर नहीं आए। उन्होंने एक होटल के बंद कमरे में बैठ कर पूरा चुनाव लडना ही बेहतर समझा।बता दें कि तनेजा की पकड़ आम जनता में बिल्कुल मजबूत नहीं है। इसके बाद भी उन्हें कांग्रेस का महानगर अध्यक्ष बनाए रखना कांग्रेस पर सवाल खड़े करता है। वही तनेजा ने हमेशा कांग्रेस कमेटी में बंद कमरे में बैठ कर राजनीति की है।
वही अगर बात करें कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा की तो वह भी अपने ऐसी रुम में बैठकर कांग्रेस का नेतृत्व करते हैं। जबकि उन्हें कांग्रेस ने अहम जिम्मेदारी सौंपी थी।इन चुनावों में कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने भी कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई। जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।अगर कांग्रेस ने इससे सीख लेते हुए कांग्रेस का नये सिरे से गठन नहीं किया तो रुद्रपुर से कांग्रेस का नामोनिशान मि
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