बीते कुछ दिनों पहले कृपया अस्पताल में भर्ती मरीजों की जा चुकी है जान
मासूम पारिधी की जान लेने का लगा था आरोप निगम की मिली भगत से अस्पताल को मान्यता देने की साज़िश
रुद्रपुर-(एम् सलीम खान) नगर निगम रुद्रपुर द्वारा एक ऐसे अस्पताल को मान्यता देने की साज़िश रची जा रही है, जो उद्घाटन से पहले ही विवादों में घिरा हुआ है। आपकों बता दें कि नगर निगम रुद्रपुर द्वारा निगम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक स्वास्थ्य परीक्षण इसी विवादित कृष्णा अस्पताल के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। यहां ये बताना जरूरी है कि यह अस्पताल जिला चिकित्सालय में तैनात फिजिशियन डॉ गौरव अग्रवाल द्वारा संचालित किया जा रहा है।इस अस्पताल में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पारस अग्रवाल भी तैनात हैं।बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पारस अग्रवाल और अस्पताल स्टाफ की घौर लापरवाही के कारण हाल ही में इस अस्पताल में भर्ती एक मासूम बच्ची पारिधी की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा इसी अस्पताल में भर्ती एक अन्य मरीज की मौत भी हो गई थी। कृष्णा अस्पताल जिला चिकित्सालय में तैनात फिजिशियन डॉ गौरव अग्रवाल द्वारा संचालित किया गया है। डॉ गौरव अग्रवाल जिला चिकित्सालय में तैनात में थे, और कोविड काल के दौरान उन पर लापरवाही बरतने से रुद्रपुर के पंडित रामसुमेर शुक्ला मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की मौत का आरोप लगाया गया था। वही कृष्ण अस्पताल में उनके भाई बतौर बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात हैं।हाल ही में डा पारस अग्रवाल और अस्पताल स्टाफ की घोर लापरवाही के चलते प्रीत विहार कालोनी निवासी श्रीमती राजकुमारी की एक साल दस दिन की मासूम पारधि की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मासूम पारिधी के परिजनों ने डॉ पारस अग्रवाल और अस्पताल स्टाफ पर घौर लापरवाही बरतने के आरोप लगाया थे।इस मामले की सूचना जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी को दी गई, तो आदर्श कालोनी पुलिस चौकी प्रभारी और बाजार पुलिस चौकी प्रभारी ने इस मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। लेकिन पुलिस ने भी इस मामले में विवादित कृष्णा अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और पूरा मामला ठडे बस्ते में डाल दिया।
जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। वही अब नगर निगम रुद्रपुर के मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने इसी विवादित अस्पताल को मान्यता देने के मकसद से नगर निगम रुद्रपुर में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आमंत्रित किया है।माना जा रहा है कि नगर निगम एक साज़िश के तहत विवादित कृष्णा अस्पताल को मान्यता दिलाने का प्रयास कर रहा है। जबकि लापरवाह चिकित्सकों और अस्पताल स्टाफ को निगम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर में बुलाया गया है। विवादों में घिरे कृष्णा अस्पताल की लापरवाही से अलर किसी अधिकारी य कर्मचारी को कोई बड़ी स्वास्थ्य हानि हुई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा,यह प्रश्न वाचक है।
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