पौड़ी- जनपद में कारगिल विजय दिवस को शौर्य दिवस में रूप मनाया गया। कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर जनपद मुख्यालय के शहीद स्मारक एजेंसी चौक पौड़ी में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान सहित अन्य अधिकारियो व पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों को पुष्प चक्र व श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम से पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा एजेंसी चौक से कलेक्ट्रेट तक प्रभातफैरी निकाली गई प्रेक्षागृह में शहीद के परिजनों को सम्मानित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1999 में मई से जुलाई के मध्य जम्मू कश्मीर के कारगिल जनपद में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों एवं भारतीय सेना के बीच जंग हुई थी। जिसमें हमारी सेना ने अति विकट भौगोलिक परिस्थितियों में अभूतपूर्व शौर्य का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठिये बुरी नीयत लेकर नियन्त्रण रेखा पार कर हमारे क्षेत्र में घुस आये थे।
पाकिस्तानी सेना के घुसपैठिये को मुंह तोड़ जबाव देने और उन्हें मार भगाने के लिए हमारी सेना ने एक रणनीति बनाई जिसे ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया। मा. मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा वीरता पुरस्कार के तहत परमवीर चक्र प्राप्त करने वालों को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 से 35, वीरचक्र 15 से 25 व सेना मेडल गैलेंट्री में 7 से 15 लाख की धनराशि दी जा रही है। स्थानीय विधायक ने कहा कि भारतीय इतिहास में आज का दिन गौरवशाली दिन के रूप में अंकित है। कहा कि यह दिन हमारी विजय गाथा की याद दिलाता है।
आज के दिन ही कारगिल के युद्ध में हमारे जांबाज वीर सैनिकों ने वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान की सेना को हराकर टाईगर हिल को जीत कर तिरंगा फहराया था। साथ ही उन्होंने कहा कि कारगिल युद भारतीय सेना की वीरता का एक ऐसा उदाहरण है जिस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। कहा कि शहीद सैनिकों व पूर्व सैनिकों को सरकार हर तरह का सहयोग कर रही है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कारगिल युद्ध में हमारे देश के 527 जांबाज सैनिकों ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी थी।
शहीद सैनिकों में से 75 सैनिक उत्तराखण्ड के निवासी थे, जिनमें से जनपद पौड़ी के 17 वीर सैनिकों ने इस युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे शूरवीर एवं जांबाज वीर सैनिकों को याद करने एवं उनके त्याग को प्रेरणास्रोत बनाकर आत्मसात करने के लिए उनकी स्मृति में हर वर्ष 26 जुलाई को पूरे देश में कारगिल दिवस मनाया जाता है। कारगिल युद्ध में शामिल बकुल रावत ने कहा कि वर्ष 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला कर दिया था, इस दौरान देश के कई सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है, जिसे देश हमेशा याद करता रहेगा।
कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और इस युद्ध की समाप्ति 26 जुलाई को हुई। इस युद्ध में भारतीय सेना ने जीत हासिल की। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है और युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानो को और देश के प्रति दी गई उनकी कुर्बानी को याद किया जाता है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने कारगिल युद्ध में हुए शहीद नायक मंगत सिंह के परिजन अमरदीप सिंह रावत व रा. मै. कुलदीप सिंह के परिजन अजीत रावत को सम्मानित किया। वहीं स्कूली छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत की शानदार प्रस्तुति दी गई।
साथ ही अतिथियों द्वारा शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुई निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर करण सिंह रावत, पूर्व सैनिक राजेंद्र सिंह राणासहित अन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक , स्कूल के छात्र-छात्राएं व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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