अहमदाबाद देश-विदेश

13 साल बाद आया अहमदाबाद बम धमाकों का फैसला,49 लोग दोषी करार

ख़बर शेयर करें -

मामले के 38 आरोपियों को फांसी,11 को आजीवन कारावास की सजा

 

अहमदाबाद-अहमदाबाद में सिलसिले वार बम धमाकों में 13 साल के लंबे इंतजार आखिकार फैसला आ ही गया। गुजरात के अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिले वार आतंकी बम धमाकों के मामले में विशेष अदालत ने बीते शुक्रवार को इस मामले में 49 आरोपितों में से 38 को फांसी की सजा और 11 आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है।

 

इन 11 आरोपियों को अंतिम सांस यानी मरने तक जेल में रहना होगा। अहमदाबाद की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए आर पटेल की अदालत ने 8 फरवरी को इस संगीन मामले में कुल 79 में से 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था और अन्य 28 लोगों बरी कर दिया था। वही इस मामले एक अन्य आरोपी की मौत हो चुकी है। विशेष अदालत ने मामले में सजा सुनाने के दौरान 49 दोषियों में से 48 पर दो लाख 90 हजार हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने इस मामले सभी 56 मृतकों को एक एक लाख रुपए और 240 घायलों में से गंभीर के लिए 50-50 हजार रुपए और मामूली तौर पर घायलों के लिए 25-25 हजार रुपए मुआवजा का भी प्रावधान किया है।

यह भी पढ़ें 👉  नेहरू से विज्ञान का नाता...

 

आपको बता दें कि एक अस्पताल और एल जी हास्पिटल सहित 23 भीड भाड वाले स्थानों पर उस दिन देर शाम करीबन छह बजे से आठ बजे के बीच सिलसिले वार हुए बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी, वही 240 लोग बूरी तरह जख्मी हो गए थे। वही उसी साल 28 और 31 जुलाई के बीच सूरत शहर में करीब 29 इसी तरह के बम बरामद हुए थे, जैसे अहमदाबाद के बम धमाकों में उपयोग किए गए थे। गुजरात पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद इस कांड में 15 अगस्त 2008 को पहले 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी।

यह भी पढ़ें 👉  नेहरू से विज्ञान का नाता...

 

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इन धमाकों के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, अंडरवर्ल्ड सहित प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से परिवर्तन हुए इंडियन मुजाहिदीन और अन्य आतंकी संगठनों का हाथ है।इन सभी लोगों ने कथित तौर पर साल 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने की भावना से इन बम धमाकों को अंजाम दिया था। पुलिस को जांच में इस बात का पता चला था कि इस मामले के लिए म ई मे अहमदाबाद के पास वटवा इलाके में सारा षड्यंत्र रचा गया था। इस मामले में करीब 1100 लोगों की गवाही पर पीड़ितों को इंसाफ मिला।

यह भी पढ़ें 👉  नेहरू से विज्ञान का नाता...

 

अदालत ने इस मामले की सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी। दिसंबर 2009 में शुरू हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान 1100 लोगों की गवाही हुईं थीं।इन स्थानों पर हुए थे धमाके अहमदाबाद के सिविल अस्पताल,टामा सेंटर,खादिया,ठक्कर बापा नगर जवाहर,गोविदवाडी,इसनपुर,नारोला,सरखेज रायपुर, सारंगपुर,एजी अस्पताल,मणीनगर में सिलसिले वार धमाके किए गए थे।

Leave a Reply