रूद्रपुर ।( एम सलीम खान) पॉस्को न्यायाधीश रीना नेगी ने 8 वर्ष के बालक के साथ अप्राकृतिक कुकरम करने के आरोपी युवक को सात वर्ष के कठोर कारावास एवं 20, हज़ार रुपया जुर्माने की सजा सुना दी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि ग्रामशिमला पिस्तौर निवासी एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उसका आठ वर्षीय भतीजा घर के निकट गुरुद्वारे के पास अन्य बच्चों के साथ शाम क़रीब पाँच बजे खेल रहा था कि तभी अशोक उर्फ़ पछुआ पुत्र रंजीत निवासी ग्राम शिमला पिस्तौर उसे पकड़ कर दूसरी गली में स्थित एक ख़ाली मकान में ले गया और उसके साथ अप्राकृतिक कुकरम करने लगा ।
इधर जब बालक घर नहीं पहुँचा तो वे लोग उसे ढूँढने निकले,उन्होंने जब बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि उसे एक युवक लेकर गया है जिस पर वह बालक को तलाश करते हुए मकान में पहुँचे तो युवक को बालक के साथ अप्राकृतिक कुकरम करते देख घबरा गए और उन्होंने बालक को युवक के क़ब्ज़े से मुक्त करवा कर युवक को मौक़े पर ही पकड़ लिया और उसे व पीड़ित बालक को लेकर कोतवाली पहुँच गए और युवक को पुलिस के हवाले कर उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी।पुलिस ने आरोपी अशोक उर्फ़ पछुआ पुत्र रंजीत निवासी ग्राम शिमला पिस्तौर के विरूद्ध धारा 367,377,34 आईपीसी एवं 7/8 लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया ।
आरोपी के विरूद्ध पॉकसो न्यायाधीश रीना नेगी के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता ने 9 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद न्यायाधीश महोदया ने आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 377 सपठित 511 के तहत 7 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 367 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हज़ार रुपये जुर्माने तथा धारा 7 पॉकसो एक्ट के तहत 3 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी।
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