काशीपुर – (सुनील शर्मा) करवाचौथ पर त्यौहार के मद्देनजर काशीपुर के बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। श्रृंगार के सामान से लेकर व्रत सामग्री दुकानों के आगे सजा दी गई है। सामान खरीदने के लिए बकायदा दुकानों में भीड़ लगनी शुरू हो गई है। जिससे दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। सुहागनों के त्यौहार के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला करवाचौथ का पर्व देश भर में मनाया जाएगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत करने का विधान है। इस व्रत में सुहागन महिलाएं अपने पति की अच्छी सेहत, लंबी आयु और कई जन्मों तक दोबारा पति के रूप में प्राप्त करने के लिए करवा माता से मनोकामना मांगती हैं।
करवा चौथ व्रत में सुबह से महिलाएं निर्जला व्रत रखकर रात्रि के समय चांद के दर्शन करने के बाद और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को पूरा करती हैं। करवा चौथ व्रत से पहले महिलाओं ने अपने हाथों पर मेंहदी लगवाई तथा बाजार में जमकर खरीदारी की जिससे दुकानों में भीड़ देखी गई। करवाचौथ पूजा में कुछ खास चीजों का विशेष महत्व होता है। करवाचौथ व्रत से पूर्व सुहागन महिलाएं बाजार में जमकर खरीदारी करतीं हैं, हाथों पर मेंहदी लगवाती हैं तथा सुहाग का सामान खरीदती हैं। काशीपुर में भी करवाचौथ व्रत से पहले शनिवार को सुहागिन महिलाओं की बाजार में खूब भीड़ दिखाई दी तथा बड़े ही खुशी के साथ हाथों पर मेहदी लगवाती देखीं गई ।
इस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है। व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें। थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दौरान मेहंदी डिजाइनरों के मुताबिक इस बार महिलाओं में अरेबिक और भरवा हाथ वाली मेहंदी लगवाने का ज्यादा क्रेज नजर आ रहा है।
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