नैनीताल- कुमाऊं विश्वविधालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय प्रॉफ ललित तिवारी ने जय मिनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी राणपुर कोटा राजस्थान द्वारा आयोजित फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया । प्रॉफ तिवारी ने कहा कि संसार में ऐसे कोई समस्या नहीं है जिससे हम अपने मस्तिष्क के शक्ति से निराकरण नहीं कर सकते ।
प्रॉफ तिवारी नए कहा कि मस्तिष्क मर 10 बिलियन न्यूरॉन्स तथा 2.5 गीगाबाइट डाटा स्टोर होता है तथा प्रतिदिन 70 हजार विचार आते है । हमारा भविष्य हमारी रचनात्मकता पर निर्भर करता है । उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार हमारा संवैधानिक अधिकार है जो विधिक के साथ समयावधि ,क्षेत्रीय सीमाओं में होता है । कॉपी राइट ,ट्रेडमार्क , पेटेंट,इंडस्ट्रियल डिजाइन ,ज्योग्राफिकल इंडिकेशन , लेआउट डिजाइन ,ट्रेड सीक्रेट ,प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैरायटी इसमें आते है ।
सरकार ने इन्हें सुरक्षित करने के लिए कई अधिनियम बनाए है जो व्यक्ति की रचनात्मकता को इकोनॉमिक्स से जोड़ता है तथा सभी नियम अंतरराष्ट्रीय ट्रिप्स के आधार पर बनाए गए है । प्रॉफ तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड को दिसंबर 23, में एक साथ 18 जी आई टैग मिले है जो बहुत महत्पूर्ण है । उन्होंने कहा कि समाज मिल कर काम करे तथा आर्थिक उन्नति का लाभ सभी को मिल सके । विश्वविधालय के शिक्षक उपस्थित रहे।