हल्द्वानी- उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेशव्यापी आह्वान पर बुधवार को हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो के कर्मचारियों ने भी कार्य बहिष्कार किया। दिल्ली, जयुपर, नैनीताल रूट पर आधी बसें ही चलीं। वहीं मथुरा, गुरुग्राम, चंडीगढ़, लखनऊ, पिथौरागढ़ आदि रूट पर कोई बस लेकर नहीं गए। हालात को संभालने के लिए अधिकारी स्टेशन की दौड़ लगाते रहे।
अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने, नैनीताल बस स्टेशन पर स्वामित्व पाने, बसों की संख्या बढ़ाने समेत कुछ अन्य मांगों के लिए मंगलवार रात से कार्य बहिष्कार का एलान किया गया था। इसी के चलते संयुक्त मोर्चा में शामिल उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन और रोडवेज एससीएसटी श्रमिक संघ ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया। आंदोलन के चलते यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
बसें न चलने से लोग डग्गामार वाहनों के भरोसे रहे। कर्मचारी सुबह काठगोदाम डिपो पहुंचे, फिर दोपहर बाद हल्द्वानी बस स्टेशन आकर उन्होंने जमकर नारेबाजी की। उत्तराखंड इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश वर्मा, रोडवेज एससीएसटी श्रमिक संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष भगवान दास, नितिन दीक्षित, इकबाल अहमद, मनोज्ञ भट्ट समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। एआरएम सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि आंदोलन का बड़ा असर पड़ा। अन्य यूनियन के कर्मचारियों की मदद से व्यवस्था संचालन का सुबह से ही प्रयास किया गया।
दोपहर बाद निगम से संगठन का समझौता होने के बाद देर शाम इसकी जानकारी मिलने पर रोडवेज बसों का संचालन शुरू कर दिया गया। जिन रूटों में शाम को संचालन होना था, वहां बसें गईं। इनमें जयपुर, हिसार, आगरा, लखनऊ, चंडीगढ़, गुरुग्राम, देहरादून, दिल्ली और फरीदाबाद रूट शामिल रहे।
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