विद्युत बिलों में ASD अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क चार्ज को हटाने की मांग को लेकर उदय भारत ने दिया ज्ञापन….

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उदय भारत सिविल सोसाइटी के पदाधिकारीयों ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव/अध्यक्ष यूपीसीएल को ज्ञापन देकर विद्युत बिलों में अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क को हटाने की मांग की। संस्था की फाउंडर सदस्य हेमा भंडारी ने कहा की ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले राज्य उत्तराखंड में उपभोक्ताओं को महंगे दरों पर बिजली मिल रही है। वर्ष में तीन से चार बार विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर दी जाती है।

 

पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे उपभोक्ताओं के ऊपर एएसडी चार्ज लगाकर कमर तोड़ने का काम किया जा रहा है। विद्युत विभाग की लूट के खिलाफ उदय भारत सिविल सोसाइटी विरोध स्वरूप  मुख्यमंत्री और यूपीसीएल की अध्यक्ष/मुख्य सचिव राधा  रतुडी  से मांग करती है की एएसडी जो कि अप्रैल माह से बढ़ाए गए हैं उसको तुरंत हटाया जाए और उपभोक्ताओं को राहत दी जाए। फाउंडर सदस्य अनिल सती ने कहा की यूपीसीएल उपभोक्ताओं से विद्युत बिलों में प्रत्येक माह अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क वसूल रहा है।

 

पहले दो माह का घरेलू विद्युत बिल जहां 4000-4500  रुपए  आता था अब प्रतिमाह  आ रहा है। अधिकारी अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क के बारे में कोई सकारात्मक जवाब नहीं दे पाते। इनका कहना है कि उपभोक्ताओं से खपत के अनुसार सुरक्षा शुल्क तय किया जाता है। यदि उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान नहीं करता तो कुछ पैसे ऊर्जा निगम के पास सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में जमा रहता है। कनेक्शन बंद करने पर उपभोक्ताओं को पूरी सिक्योरिटी राशि रिफंड की जाती है और साथ ही ब्याज का भुगतान किया जाता है।

 

यदि वास्तव में ऐसा है तो यूपीसीएल बिलों के साथ उपभोक्ताओं द्वारा अब तक जमा अतिरिक्त सुरक्षा चार्ज को बिलों में क्यों नहीं दर्शाता। जो उपभोक्ता समय पर बिलों का भुगतान करता है उन  उपभोक्ताओं को भी पता होना चाहिए कि उनकी अब तक कितनी राशि यूपीसीएल के पास है। कुल मिलाकर यूपीसीएल उपभोक्ताओं के साथ धांधली कर रहा है। उदय भारत सिविल सोसाइटी सरकार से मांग करती है

 

कि विद्युत बिलों में पारदर्शिता लाई जाए और बिजली बिलों की समय अवधि निर्धारित की जाए क्योंकि वर्तमान में बिल पीरियड 20 से 24 दोनों का आ रहा है। जो कि न्याय संगत नहीं है। अकरम कांच वाले और धीरज पीटर ने कहा विद्युत बिलों में कई प्रकार के अनियमितताएं हैं। हां उपभोक्ता अपने बिल को समझ नहीं पता। बिजली बिलों का सरलीकरण किया जाए ताकि आम उपभोक्ता  भी अपने बिल को समझ सके। ज्ञापन देने वालों में अनिल सती ,हेमा भंडारी, धीरज पीटर, पवन कुमार धीमान, अकरम कांच वाले, आसिफ मौजूद रहे।

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