नैनीताल- भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी अतः 26जनवरी से लागू किया गया 19 नवंबर, 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया।
संविधान में स्वाधीनता, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता जैसे तत्व शामिल हैं । प्रस्तावना से यह संकेत मिलता है कि संविधान की सत्ता का स्रोत भारत की जनता में निहित है। प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है। प्रस्तावना में बताए गए उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देना है।
संविधान का निर्माण:
वर्ष 1934 में एम.एन. रॉय ने पहली बार संविधान सभा के विचार का प्रस्ताव रखा।
वर्ष 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत संविधान सभा के गठन के लिये चुनाव हुए।
भारत के संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया। भारत की संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों से निपटने के लिये कुल 22 समितियों का गठन किया।
इनमें 8 प्रमुख समितियाँ थीं। प्रमुख समितियों और उनके प्रमुखों की सूची नीचे दी गई है:
मसौदा समिति- बी.आर. अंबेडकर
संघ शक्ति समिति- जवाहरलाल नेहरू
केंद्रीय संविधान समिति- जवाहरलाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समिति- वल्लभभाई पटेल
मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय तथा बहिष्कृत क्षेत्रों पर सलाहकार समिति- वल्लभभाई पटेल।
प्रक्रिया समिति नियम- राजेंद्र प्रसाद
राज्य समिति (राज्यों के साथ बातचीत के लिये समिति)- जवाहरलाल नेहरू
संचालन समिति- राजेंद्र प्रसाद
भारत के संविधान के संदर्भ में प्रमुख तथ्य:
दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान।
एकात्मक विशेषताओं के साथ संघीय प्रणाली।
सरकार का संसदीय स्वरूप।
संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
भारतीय संविधान की मूल प्रतियाँ टाइप या मुद्रित नहीं थीं। वे हस्तलिखित हैं और अब उन्हें संसद के पुस्तकालय में हीलियम में रखा गया है। प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने भारत की संरचना की अनूठी प्रतियाँ निशुल्क लिखी मूल रूप से भारत का संविधान अंग्रेज़ी और हिंदी में लिखा गया था। भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है। भारत के संविधान में कई देशों यूनाइटेड किंगडम ,अमेरिका ,जर्मनी ,आयरलैंड ,ऑटरालुआ ,कनाडा ,जापान के संविधान की विशेषताओं को अपनाया गया है।
संविधान आर्थिक असमानता की गहरी खाई को कम करना पर कार्य करता है ।संविधान ही भारत के नागरिकों की आत्मा हैभारतीय संविधान में कुल 448 अनुच्छेद हैं। इन लेखों को 25 भागों में विभाजित किया गया है। प्रारंभ में संविधान के 395 अनुच्छेदों को 22 भागों और 8 अनुसूचियों में वर्गीकृत किया गया था। 106संविधान संशोधन पास भी ही चुके है ।
भारत देश की शासन व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए संविधान है साथ ही यह गणतंत्र राष्ट्र का आधार भी है। देश के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमों का निर्माण संविधान द्वारा किया जाता है। संविधान के अनुसार मूल शक्ति प्रत्येक राष्ट्र की जनता में निहित होती है ।
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