पिथौरागढ़- देवभूमि उत्तराखंड में द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्द्वन हेतु उत्तराखंड संस्कृत अकादमी,हरिद्वार द्वारा जनपद स्तर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए रहे हैं। इसी क्रम में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के बैनर तले उत्तराखंड वस्तु शास्त्र परंपरा पर ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी संस्कृत के लब्धप्रतिष्ठित विद्वानों ने शिरकत की और विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में प्रो. उमा शंकर ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो नरेन्द्र सिंह भण्डारी विशिष्ट अतिथि संदीप बडोनी मौजूद रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो जया तिवारी ने की । जनपद संयोजिका डॉ. बबीता काण्डपाल ने संगोष्ठी के शुभारंभ में विषय के बारे में जानकारी दी । जनपद सहसंयोजक डॉ रघुनाथ भट्ट द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत एवम परिचय किया। वैदिक तथा लौकिक मंगलाचरण से कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया । सभी वक्ताओं ने उत्तराखण्ड की वास्तुशास्त्र परम्परा पर अपने सारगर्भित व्याख्यान दिए ।
इस ऑन लाइन संगोष्ठी में लगभग पैंसठ से भी अधिक श्रोताओं द्वारा प्रतिभाग लिया गया । कार्यक्रम के सफल समापन पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पुष्कर सिंह बिष्ट संस्कृत विभाग प्रभारी प्रो शालिनी शुक्ला, परिसर निदेशक प्रो हेम चन्द्र पाण्डेय, प्रो अखिलेश कुमार शुक्ला, प्रो प्रेम लता पंत,प्रो सरोज वर्मा, प्रो इन्दु जोशी आदि ने कार्यक्रम संयोजिका डॉ बबीता काण्डपाल को बधाई दी।
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