हरिद्वार (वन्दना गुप्ता) 2020 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज लगेगा इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भी है इस चंद्रग्रहण को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं इसलिए इस बार सूतक नहीं लगेगा और ना ही मूर्ति स्पर्श की मनाई होगी यह चंद्रग्रहण किसी भी राशि पर अपना प्रभाव नहीं डालेगा भारत में या चंद्रग्रहण नहीं दिखाई देगा मगर ईरान इराक सहित कई मुस्लिम कंट्री पर इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा वह भी सिर्फ उपच्छाया का ,आखिर क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र इस चंद्र ग्रहण के बारे में, देखे हमारी रिपोर्ट
क्यों लगता है चंद्र और सूर्य ग्रहण इसका पुराने ग्रंथों में वर्णन मिलता है इसकी एक कहानी है जब समुद्र मंथन के दौरान देवों और दानवों में समुद्र से निकले अमृत कलश को लेकर विवाद हुआ था तो भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके देवता और असुरों को अलग अलग बैठा दिया था और देवताओं को अमृत पानकर कराने लगे लेकिन धोखे से राहु ने अमृत चख लिया तब चंद्रमा और सूर्य ने ये बात विष्णु को बताई और विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया था परन्तु अमृत चखने की वजह से वह मरा नहीं और उसका सिर वाला भाग राहु और धड़ वाला भाग केतु के नाम से जाना गया इसी वजह से राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ढ़क लेते हैं इसलिए चंद्रग्रहण लगता है
सूर्य और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना भी है वैज्ञानिक और ज्योतिषीय नजरिए से इसका विशेष महत्व है वैज्ञानिक रूप से ग्रहण एक अनोखी खगोलीय घटना है जबकि धार्मिक और ज्योतिष नजरिए से ग्रहण की घटना व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालती है ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को अशुभ माना गया है मगर 30 तारीख को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया और यह किसी भी राशि पर अपना प्रभाव नहीं दिखाएगा ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पूरी का कहना है कि उपच्छाया ग्रहण का कोई वर्णन नहीं है ना इस ग्रहण में मूर्ति स्पर्श का और ना ही सूतक का प्रभाव नहीं होता है और किसी भी राशि पर यह ग्रहण असर नहीं डालता है इस चंद्रग्रहण का पृथ्वी पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा भारत में यह चंद्रग्रहण देखने को नहीं मिलेगा मगर ईरान और इराक के साथ कई मुस्लिम देश है उनके ऊपर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा लेकिन सिर्फ उपच्छाया का मगर राशि प्रभाव और ज्योतिष प्रभाव नहीं होता है इनका कहना है कि इस वर्ष तीन बार उपच्छाया ग्रहण लगा है और 3 से 4 महीने में लगता रहता है
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