उत्तराखण्ड लालकुआं

लालकुआं सीट से कौन होगा कांग्रेस का खेवनहार – चुनाव लड़ने वालों की लंबी कतार

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         हरीश दुर्गापाल,                            हरेन्द्र बोरा,                                संध्या डालाकोटी

हल्द्वानी। (धीरज भट्ट) 2022 में लालकुआं से कांग्रेस का खेवनहार कौन होगा यह तो आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन यहां से चुनाव लड़ने वालों की कतार लंबी नजर आ रही है। हालाकि यहां से भावी दावेदारों ने अपनी तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। ज्ञात हो कि लालकुआं सीट पूर्व में धारी विधानसभा सीट में शामिल थी। यह सीट 2012 में अस्तित्व में आयी थी। इससे पूर्व धारी विधानसभा सीट से 2002 में कांग्रेस के हरीश चन्द्र दुर्गापाल और 2007 में यहां से भाजपा के गोविन्द सिंह बिष्ट विजयी हुए थे। 2012 में यहां से कांग्रेस ने हरेन्द्र बोरा को टिकट दिया था जिसके कारण हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने यहंा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और उन्होंने जीत हासिल की। भाजपा के नवीन दुम्का यहां से दूसरे तथा हरेन्द्र बोरा तीसरे स्थान पर रहे थे। इधर 2017 में एक बार फिर से कांग्रेस ने यहां से हरीश दुर्गापाल पर विश्वास जताया। हालाकि भाजपा उम्मीदवार नवीन दुम्का के आगे वह नहीं टिक पाये। वहीं हरेन्द्र बोरा निर्दलीय लड़कर यहां से तीसरे स्थान पर रहे। इधर वर्तमान मेें जहां कांग्रेस की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल, पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी, पूर्व में चुनाव लड़ चुके हरेन्द्र बोरा के अलावा दो तीन नाम और चर्चाओं में हैं। देखने में आ रहा है कि लाकडाउन के दौरान से ही सभी भावी उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी के संकेत देते हुए तमाम स्थानों पर सामाजिक कार्य भी किये थे। जहां तक हरीश दुर्गापाल का सवाल है वे यहंां से दो बार विधायक व एक बार फिर बार मंत्री रह चुके हैं। वहीं उनकी कार्यकताओं में भी पकड़ मानी जाती है। इधर पूर्व में दो बार ब्लाक प्रमुख रह चुकी संध्या डालाकोटी युवा हैं और लगातार जनसंपर्क में हैं। वहीं पूर्व में चुनाव लड़ चुके हरेन्द्र बोरा की भी पकड़ कार्यकर्ताओं में है वे यहां से एक बार कांग्रेस व एक बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं।

चैंका सकता है नया नाम

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हल्द्वानी। सियासत, प्यार और वार में कोई किसी का सगा नहीं होता है। राजनीति में यह सब कुछ चलता है। हालाकि अभी तमाम पुराने कांग्रेसी अपनी तैयारी में लगे हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार किन्तु-परन्तु की स्थिति में कोई नया हैवीवेट उम्मीदवार का नाम यहां के सियासी गलियारों में सुनायी दे तो कोई अचरज की बात नहीं होगी।

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