उत्तराखण्ड चमोली

राज्य गठन के बीस वर्षों बाद भी, बीमार को डोली से सड़क तक लाने को विवश हैं ग्रामीण

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चमोली- (लक्ष्मण सिंह नेगी) कहने को तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अनेक गांव सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के बाशिंदे मोटर मार्ग के लिए भारी जद्दोजहद कर रहे हैं। 21वीं सदी की ऐसी ही तस्वीर चमोली के दूरस्थ क्षेत्र ईरानी गांव की है। यहां के लोगों के लिए सड़क सुविधा आज भी सपना है। हालत यह है कि बीमार लोगों को गांव से सड़क तक लाने के लिए डोली ही एक मात्र सहारा है। जो कठिन पहाड़ी रास्तों के चलते जोखिम भरा है।चमोली के ईरानी गांव में देर रात एक महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद ग्रामीणों ने बीमार महिला को कुर्सी पर अपने कंधों उठाकर पर उठा कर सड़क तक पहुंचाया जानकारी के अनुसार बताया गया कि भवानी देवी पत्नी रमेश सिंह की देर रात अचानक से तबीयत बिगड़ने लगी जिसके बाद ग्रामीणों ने महिला को कुर्सी पर बांध कर सड़क तक पहुंचाया, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है

आपको बाते दे विगत लंबे समय से दसौली ब्लॉक की ईरानी क्षेत्र में सड़क को लेकर शासन और प्रशासन के सामने मांग रखी गई हैं इसके बावजूद वर्तमान समय तक भी सड़क निर्माण नहीं हो पाया है क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से विधायक और मंत्री आए और गए और आश्वासन देते रहे लेकिन धरातल पर हकीकत अभी भी जस की तस बनी हुई है इस क्षेत्र के लोग  आज भी इसी तरह से बीमार बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाते हैं जिस की पीड़ा यहां के ग्रामीण बखूबी समझते हैं कुछ दिन पहले इसलिए यह क्षेत्र संचार क्रांति से जुड़ा इसमें भी जिओ के कर्मचारियों द्वारा टावर लगाने की पहल की गई थी लेकिन टावर के समान को ले जाने में असमर्थता जताते हुए टावर लगाने में परेशानी बताई थी लेकिन क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए क्षेत्र के ग्राम प्रधान मोहन सिंह और युवाओं ने जिओ के कर्मचारी अधिकारियों को विश्वास दिलाया कि टावर का सामान ग्रामीण पहुंचाएंगे इसके बाद जिओ के कर्मचारी अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में संचार व्यवस्था बनाए जाने के लिए टावर लगाने के लिए सहमति जताई और आज पूरे क्षेत्र में जिओ नेटवर्क काम कर रहा है इन सब चीजों को देखते हुए भी सरकार के नुमाइंदे अपनी उपलब्धियां गिनाते नहीं सकते हैं ऐसे में क्षेत्र के युवा कोरे आश्वासनों से खासे नाराज है,

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