उत्तराखण्ड काशीपुर

प्रदेश के सत्ता परिवर्तन पर पक्ष विपक्ष आमने सामने

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काशीपुर (सुनील शर्मा) उत्तराखंड की सरकार पर छाए हुए संकट के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिनों उत्तराखंड के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया वही तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री को काबिज कर दिया गया जिससे प्रदेश में राजनीति में भूचाल आ गया जहां विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में 56 विधायक होने के बावजूद बी पौड़ी के सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया है क्या प्रदेश में 56 विधायक सरकार की नजर में मुख्यमंत्री बनने के योग्य नहीं थे कई सवाल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर खड़े किए हैं आपको बता दे कि प्रदेश में त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया गया है जिससे प्रदेश में राजनीति गरमा गई है इसी के मद्देनजर कांग्रेस की पीसीसी सदस्य दीपिका गुड़िया आत्रे ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी तो शुरू से ही कहती आ रही हैं कि प्रदेश की सरकार कुछ विकास नहीं कर पा रही है जिस प्रकार सर्वे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सबसे निचले पायदान पर आये थे इससे केंद्र सरकार समझ चुकी थी कि  उत्तराखंड के भाजपा विधायक अपने क्षेत्र की जनता को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं इसका सबसे बड़ा उदाहरण काशीपुर है। हाईकमान समझ चुका था कि उत्तराखंड के 56 विधायक इस योग्य नहीं है जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके अब प्रदेश की जनता पर दो दो उपचुनाव का भार और जनता की पूंजी को बर्बाद करने पर तुली है वही उत्तराखंड कांग्रेस महिला मोर्चे की सचिव गीता चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार ने जो मुख्यमंत्री आनन-फानन में बदले हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पद को संभाल नहीं पाए केंद्र सरकार को यह समझने में 4 साल लग गए कि त्रिवेंद्र रावत ने मुख्यमंत्री योग्य नहीं है वही भाजपा के प्रदेश महामंत्री आशीष गुप्ता ने कहा किसी की योग्यता को मापने के लिए कांग्रेस के पास कोई पैमाना नहीं है और ना ही कांग्रेस पार्टी का कोई पार्ट है ये हमारी पार्टी के नेतृत्व का एक निर्णय है जो इन परिस्थितियों में कौन व्यक्ति  इस प्रदेश को व सब लोगो को साथ लेकर कौन आगे बढ़ सकता है इसमें तीरथ सिंह रावत सबसे उच्च व्यक्ति पाए गए जिनको यह कार्यभार सौंपा गया उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के सभी विधायक उत्तम है उनमें से तीरथ सिंह रावत भी विधायक रहे थे अभी हाल ही में पौड़ी से सांसद बने हैं उनके कार्यक्षेत्र का अनुभव हमारे प्रदेश को मिलेगा ऐसी हम कामना करते हैं आने वाले समय में सल्ट की विधानसभा भी खाली हुई है हो सकता हे है सल्ट विधानसभा का इलेक्शन लड़ कर पुनः अच्छे मार्जन से इलेक्शन जीत कर आए हैं और प्रदेश सरकार के नेतृत्व को करने में सहयोग करें

 

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