हरिद्वार (वंदना गुप्ता) देर शाम 7:30 बजे के करीब पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती रामकृष्ण मिशन अस्पताल पहुंची और वे अस्पताल के प्राइवेट वार्ड नंबर 3 में जैसे ही उमा भारती पहुंची तो वे अपनी गुरु बहन सुभद्रा मां की पार्थिव देह को देखकर भावुक हो गई और अपने को नहीं रोक पाई और फफक फफक कर रो पड़ी और बहुत देर तक मां सुभद्रा के चेहरे को ताकती रही और मां सुभद्रा के साथ बिताए गए दिनों की यादों में खो गई उमा भारती कर्नाटक के उडुपी के पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेश्वर तीर्थ की शिष्या हैं और उन्हीं से मां सुभद्रा ने दीक्षा ली थी मां सुभद्रा उमा भारती की बड़ी गुरु बहन थी जो उमा भारती को बहुत दुलार और प्यार करती थी उमा भारती ने जब मिशन के प्राइवेट वार्ड मैं प्रवेश किया तो वहां गीता पाठ हो रहा था उमा भारती बहुत देर तक गीता पाठ खामोश होकर सुनती रही उमा भारती ने भावुक होते हुए कहा कि सुभद्रा दीदी एक दिव्य संत थी रामकृष्ण मिशन के स्वामी दयाधिपानंद महाराज ने बताया कि उमा भारती अपनी गुरु दीदी मां सुभद्रा का अंतिम संस्कार करेंगी पिछले दिनों जब उमा भारती अपनी गुरु दीदी सुभद्रा मां को देखने मिशन आई थी तब स्वामी दयाधिपानंद महाराज के समक्ष मां सुभद्रा ने उमा भारती से वचन लिया था कि वह उनका अंतिम संस्कार करेंगी और जब आज उमा भारती को मां सुभद्रा के ब्रह्मलीन होने की खबर दी गई तो वह दिल्ली से सीधे रामकृष्ण मिशन पहुंची कल उमा भारती मां सुभद्रा की पार्थिव देह को लेकर उत्तरकाशी के गंगोरी रवाना होंगी जहां उन्हें भू समाधि दी जाएगी और उमा भारती द्वारा दिए गए वचन का पालन उनके द्वारा किया जाएगा
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