उत्तराखण्ड हरिद्वार

ग्लेशियर टूटने की घटना कंही परमाणु विकिरण की वजह से तो नही,,सतपाल महाराज ने जताई आशंका,,विद्युत परियोजना पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत

ख़बर शेयर करें -

हरिद्वार (वंदना गुप्ता) चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना कंही परमाणु विकिरण की वजह से तो नही हुए? उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी इस तरह की  आशंकाए जाहिर की है उनका कहना है कि चमोली से ऊपर के पहाड़ो पर चीन की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए जो प्लूटोनियम पैक वहां स्थापित किया गया था वह लंबे समय से गायब है उन्होंने प्लूटोनियम पैक को भी इस हादसे की वजह की आशंका जताते हुए इस पैक का पता लगाएं जाने की भी जरूरत बताई उन्होंने यह भी एलान किया कि उत्तराखंड सिचाई विभाग में ग्लेशियरों की क्लोज मोनिटरिंग के लिए एक अलग से विभाग भी बनाया जाएगा।चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद ऋषिगंगा में आये सैलाब ने भयंकर तबाही मचाई रैणी गावँ में बन रहा ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट तो इसमें तबाह हो ही गया बल्कि इस सैलाब ने सैकड़ो जिंदगियों को भी लील लिया हादसे के एक हफ्ते बाद भी लापता करीब 150 लोगो का कोई अतापता नही चल पाया है जबकि हादसे में मृत 60 के करीब लोगो के शव मिल चुके है हादसे की वजह बना ग्लेशियर क्यों टूट इस लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने आशंका जताई है कि हादसे का कनेक्शन चमोली के ऊपरी पहाड़ो पर चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रखे गए प्लूटोनियम पैक की वजह से भी ग्लेशियर टूट सकता है उन्होंने कहा कि वंहा रखा गया प्लूटोनियम पैक लंबे समय से गायब है जिसके बारे में मैन सांसद रहते हुए लोकसभा में भी इस पैक के बारे में पता लगाने को लेकर सवाल पूछा था उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्रो में इस तरह से ग्लेशियर का टूटना बेहद चिंता का विषय है प्लूटोनियम पैक का गायब होना बहुत गंभीर मामला है और उस प्लूटोनियम पैक का पता लगाया जाना चाहिए।सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने हिमालयी क्षेत्रो में ग्लेशियरों पर निगाह रखने और परीक्षण करने के लिए उत्तराखंड सिचाई विभाग में एक अलग विभाग बनाने का भी एलान किया है उन्होंने कहा कि सिचाई विभाग के तहत ही एक अलग विभाग काम करेगा ताकि हिमालयी क्षेत्रो की क्लोज मोनिटरिंग की जा सके जिससे एवलांच, व ग्लेशियर टूटने जैसी घटनाओं के बारे में पूर्व में ही जानकारी मिल सके और इस तरह के हादसों को रोका जा सके।सतपाल महाराज ने उत्तराखंड में बन रही जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर कहा की इनके बारे में फिर से गंभीरता के साथ विचार करने की जरूरत है उन्होंने कहा कि जिस तरह से ग्लेशियर पिघल रहे है वह भविष्य के लिए भी बड़ी चिंता का विषय है इसलिए सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं का पुनः परीक्षण किया जाना चाहिए।सतपाल महाराज ने चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर पहाड़ो पर चीन की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए जो प्लूटोनियम पैक गायब हुआ था उसको लेकर भी आशंका जताई तो वही उत्तराखंड सिचाई विभाग में एक अलग विभाग बनाने का भी एलान किया है जो हिमालय क्षेत्रो की क्लोज मोनिटरिंग का कार्य करेगा साथ ही सतपाल महाराज ने कहां की विद्युत परियोजना पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी- चरित्र की तरह दागदार रहा दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा का कार्यकाल, गंभीर आरोप.....

Leave a Reply