काशीपुर (सुनील शर्मा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा किये जाने को किसान कांग्रेस अध्यक्ष शशांक सिंह ने वर्ष भर से आंदोलित किसानों की भारी जीत बताते हुए कहा है कि काश प्रधानमंत्री समय रहते इन कानूनों को रद्द करने की घोषणा कर देते तो सैकड़ों किसानों की जान बच जाती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना कि हम कृषि कानूनों के बारे में किसानों को समझा नहीं पाये, यह साबित करता है कि यह कानून कतई भी सोच-समझकर नहीं बनाए गए और इन्हें जबरन किसानों पर थोपने का प्रयास किया गया। ये किसानों की ताकत का ही परिणाम है कि आज केन्द्र सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा है। शशांक सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही नोटबंदी के दौरान व्यापारी वर्ग को हुए नुकसान की भरपाई की व्यवस्था करे और जीएसटी कानून भी निरस्त किया जाए। किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार के बनाये गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। दिवंगत किसानों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए शशांक सिंह ने कहा कि इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति कांग्रेस की गहरी संवेदना है।
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