उत्तराखण्ड हरिद्वार

कुंभ मेले को सरकार कराने जा रही एक महीने का,,,संतो में सरकार के प्रति आक्रोश,,,मुस्लिम और अंग्रेजों के शासन में भी नहीं लिए गए ऐसे फैसले|

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हरिद्वार (वंदना गुप्ता) हरिद्वार कुंभ मेले को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा एसओपी जारी की गई थी मगर अभी राज्य सरकार ने कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है कुंभ मेले की अवधि को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि कुंभ कितने वक्त का होगा उत्तराखंड सरकार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि महाकुंभ मात्र 30 दिन का होगा यानी एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा इस फैसले का संत समाज विरोध कर रहा है संतो ने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है कुंभ मेला कराने की योगी उत्तर प्रदेश में प्रयागराज और वृंदावन कुंभ हरिद्वार कुंभ से भव्य हो रहा है और उत्तराखंड शासन और मेला प्रशासन कुंभ को कैसे सीमित कर सकता है क्योंकि यह हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है उत्तराखंड शासन द्वारा कुंभ मेले को लेकर अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है मगर अब सरकार कुंभ को सीमित करने जा रही है और सिर्फ कुंभ अब एक महीने का किया जाएगा इसको लेकर आज मुख्य सचिव द्वारा अपना बयान भी जारी किया गया और उनके द्वारा साफ कहा गया है कि कुंभ मेले में अतिरिक्त ट्रेन और बसें नहीं चलाई जाएगी सीमित कुंभ को लेकर संतों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह शास्त्री का कहना है कि जब ट्रेनें ही नहीं चलाएंगे तो हरिद्वार श्रद्धालु कैसे आ पाएंगे प्रयागराज मैं वहां की सरकार ने स्पेशल ट्रेनें और बसें चलाई है क्या वहां कोरोना नहीं है वहां भव्य तरीके से माघ मेला मनाया जा रहा है और यह तो कुंभ से भी बड़ा मेला है कुंभ मेले की तिथियां सरकार द्वारा घोषित की गई थी उसको अब सीमित कैसे किया जाएगा महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी का कहना है कि कोरोना महामारी के प्रकोप से शासन भयभीत है मगर संत अपनी परंपरा के अनुसार ही कुंभ मेले को मनाएंगे सरकार द्वारा कोरोना की गाइडलाइन का पालन शक्ति से किया जा रहा है इसकी इतनी आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत में कई राज्यों में बड़ी-बड़ी जनसभाएं की जा रही है आंदोलन हो रहे हैं वृंदावन में मिनी कुंभऔर प्रयागराज में माघ मेला किया जा रहा है इनका कहना है कि हरिद्वार में पहली बार कुंभ नहीं हो रहा है शासन को धार्मिक भावना के अनुसार कार्य करना चाहिए वही अग्नि अखाड़े के सचिव महंत साधनानंद का कहना है कि प्रशासन अपनी तरीके से कुंभ तिथि की घोषणा करते हैं मगर पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है हम आज से ही कुंभ मेला मना रहे हैं यह कुंभ मेला कोई कलंक ना बने कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की अंतर आत्माना दुखे इसको लेकर कार्य करना चाहिए जब देश गुलाम था मुस्लिम शासन और अंग्रेजों के शासन में भी इस तरह पीड़ित नहीं किया गया इस तरह से कुठाराघात करने से समाज में अच्छा संदेश नहीं जाएगा वही पंचायती निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह का कहना है कि स्पेशल ट्रेनों पर पाबंदी नहीं लगनी चाहिए नहीं तो हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालु कैसे आ पाएंगे क्योंकि सभी श्रद्धालुओं के पास अपने साधन नहीं होते हैं पूरे देश से हरिद्वार में ट्रेनें आनी चाहिए इनका कहना है कि कुंभ मेले को समय सीमा में बांधा नहीं जा सकता हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की भावना का ख्याल रखा जाना चाहिए भारत साधु समाज के प्रवक्ता रविंद्रानंद सरस्वती सरस्वती का कहना है कि सनातन धर्म को मानने वाली सरकार केंद्र और राज्य में है और यह चाहे तो सभी नियमों का पालन कराते हुए भव्य कुंभ का आयोजन कर सकते हैं लेकिन इसमें इच्छा शक्ति होनी जरूरी है और इन आदेशों को देखकर लगता है कि सरकार मन से कुंभ कराने की इच्छुक नहीं है कुंभ मेले का अभी तक राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया मगर अब कुंभ मेले को राज्य सरकार एक महीने का कराने जा रही है इसको लेकर तमाम अखाड़ों के साधु संत सरकार के इस फैसले से आक्रोशित नजर आ रहे हैं संतों ने कहा कि सरकार में इच्छाशक्ति ही नहीं दिखाई दे रही है कि कुंभ मेले को कराया जाए सरकार बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं पर भी पाबंदियां लगा रही है अब देखना होगा संतों की नाराजगी के बाद सरकार किस तरह का फैसला लेती है जिससे संतों की नाराजगी भी ना देखने को मिले और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी कुंभ में भव्य स्नान करने का मौका मिले

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