हल्द्वानी

कांग्रेस अभी भी नहीं ले रही है युवा नेताओं की सुध

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हल्द्वानी– (धीरज भट्ट)  कभी युवा नेताओं की आदर्श हुआ करने वाली कांग्रेस में आज युवा नेताओं की सुध नहीं ली जा रही है जिसके कारण पहले मध्य प्रदेश से ज्योतिराजे सिंधिया भाजपा में गये और अब यूपी के कद्दावर नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं कांग्रेस के लिए चिंताजनक बात यह है कि वह सबक लेने को तैयार नहीं है। अभी राजस्थान में भी आये दिन वहां की सरकार और पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट के बीच मतभेद की खबरें आती हैं लेकिन कांग्रेस नेतृत्व उसको सुलझाने के बजाये उसे लटका रही है। इसका परिणाम कांग्रेस के लिए बाद में नुकसानदायक साबित होगा। विदित हो कि कांग्रेस में एक समय तमाम पार्टी के नेता आने के लिए लालायित रहते थे लेकिन आज स्थिति यह है कि कांग्रेस के अनेक दिग्गज पार्टी छोड़ रहे हैं। 2014 के बाद तो इसमें बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है और जो वर्तमान तक जारी है। इधर जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ी है, उन नेताओं की एक शिकायत आम रहती है कि उनकी बात नेतृत्व सुनने को तैयार नहीं होता है या तो उनका आरोप होता है कि पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही है। ऐसी ही मामले में पिछले साल मध्य प्रदेश में युवा नेता सिंधिया भाजपा में शामिल हो गये। उनका भी यही आरोप था कि कांग्रेस में उनकी उपेक्षा हो रही है। इधर यूपी में कांग्रेस के युवा नेता और पूर्व में शाहंजहांपुर से एमपी रह चुके जितिन प्रसाद ने भी आखिरकार भाजपा का दामन थाम लिया। इधर कांग्रेस में राजस्थान में कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट और गहलोत के बीच मतभेद की खबरें आती हैं। यह कांग्रेस नेतृत्व के संज्ञान में है लेकिन आलाकमान इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है जिससे पार्टी के युवा नेता दूसरी पार्टी में शामिल होते जा रहे हैं।

कौन हैं जितिन प्रसाद

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यूपी के शाहजहांपुर के निवासी जितिन प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज और दिवंगत नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंन्द प्रसाद के बेटे हैं। उन्होंने अपना सियासी कैरियर 2001 में कांग्रेस के युवा संगठन में महासचिव के तौर पर आरंभ किया गया था।  2004 में उन्होंने शाहजहांपुर से पहला लोकसभा चुनाव जीता था। वे पहले कार्यकाल में इस्पात राज्य मंत्री बने थे। वे मनमोहन सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में एक थे। 2009 में उन्होंने धरौरा से चुनाव लड़ा था। उनके पिता जितंेन्द्र प्रसाद कांग्रेस में सलाहकार रह चुके हैं और उनके दादा ज्योतिप्रसाद भी कांग्रेस के पुराने नेताओं में एक थे।

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पंजाब में नहीं चल रहा है ठीकठाक

हल्द्वानी। पंजाब में सीएम के खिलाफ कुछ नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है हालाकि फिलहाल आजकल नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। वहां पर तेज तर्रार नवजोत सिंह सि़द्वू के नेतृत्व में असंतुष्टों ने कमान संभाल रखी है। हालाकि सीएम के गद्दी को फिलहाल खतरा नहीं है लेकिन आने वाले दिनों में वहां चुनाव होने वाले हैं और इन स्थितियों में पार्टी के लिए परेशानी हो सकती है।

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