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सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई वाजपेई जी की जयंती…..

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कोटद्वार- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के समाजशास्त्र विभाग द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया तथा इस अवसर पर गोष्ठी, निबंध और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ, मुख्य अतिथि, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर जानकी पवार जी के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के चित्र पर माल्यार्पण कर प्रारंभ किया गया।

 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाजशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ. संदीप कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहां बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मदिवस को वर्ष 2014 से भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है । इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग द्वारा छात्र/छात्राओं हेतु गोष्ठी ,निबंध और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है

 

ताकि छात्राएं सुशासन जैसे महत्वपूर्ण विषय से अवगत हो सके और माननीय अटल जी के आदर्शों का अनुपालन भी कर सके। गोष्ठी में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर जानकी पवार जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मदिवस को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप मनाने का एक उद्देश्य है, और वो है, एक अच्छा शासन, बेदाग शासन। उनके सिद्धांतों को हमे आत्मसात करना है। प्राचार्या जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने नारा दिया था

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जय जवान, जय किसान तो वही श्री अटल जी ने इस नारे में विज्ञान को जोड़कर इसकी प्रासंगिकता को और भी बढ़ा दिया। इसी क्रम में प्राचार्या मैडम ने कहा कि सुशासन किसी भी समाज की उन्नति और विकास के लिए बहुत जरूरी है और हमें सुशासन के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। सुशासन दिवस, पारदर्शिता एवं जवाबदेही प्रशासन लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और आम जनमानस के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है,

 

ताकि सरकार लोकतांत्रिक समाज के उद्देश्यों को प्राप्त कर सुशासित समाज की स्थापना कर सके। शायद इसी कारण चाहे पक्ष हो या विपक्ष सभी अटल जी का सम्मान करते थे और संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में अपने भाषण के माध्यम से संबोधित करने वाले प्रथम भारतीय विदेश मंत्री भी थे। अतः भारत रत्न श्री अटल जी के जीवन आदर्शों को हमे अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। प्राचार्या मैडम जी ने निबंध और भाषण प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त छात्र/छात्राओं को पुरस्कृत कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी

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और कहां कि पढ़ाई के साथ साथ आप महाविद्यालय में होने वाले अनेक अन्य गतिविधियों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करते रहे जिससे आपका सर्वांगीण विकास हो सके। प्राचार्या मैडम जी ने समाजशास्त्र विभाग को बधाई दी और कहा की भविष्य में भी छात्र हित में इस तरह के कार्यक्रम कराते रहें। गोष्ठी में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर मुरलीधर कुशवाहा जी ने  अपनी स्वलिखित कविता के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि, श्री अटल जी के जीवन आदर्श सभी के लिए प्रेरणाश्रोत है और कैसे सुशासन किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।

 

प्रो. कुशवाह जी ने श्री अटल जी के जीवन वृतांत के माध्यम से उनके व्यक्तित्व के बारे बताया कि वह एक राष्ट्रवादी, कुशल नेता,  कवि और वर्तमान समय के साथ सामंजस्य बैठाने वाले एक महान पुण्य आत्मा भी थे। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एम. ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्रा कु. निकिता ने , द्वितीय स्थान एम. ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा शालिनी ने, तो वही तृतीय स्थान स्वाति, साकिब बी. ए. तृतीय वर्ष , और मनीषा नेगी एम. ए. प्रथम सेमेस्टर ने प्राप्त किया

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भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, बी.ए. तृतीय वर्ष की छात्रा वैशाली रावत ने, द्वितीय स्थान एम.ए.तृतीय सेमेस्टर की छात्रा कु. शालिनी ने, तृतीय स्थान एम.ए.तृतीय सेमेस्टर की  छात्रा कु.संजना और और निकिता ने अपने विचार प्रस्तुत कर, स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त  सभी छात्र/ छात्राओं को महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. जानकी पवार, वरिष्ठ प्रो. मुरलीधार कुशवाह, डॉ.किशोर चौहान द्वारा पुरस्कृत  किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के रूप में हिंदी विभाग प्रभारी डॉक्टर शोभा रावत और अंग्रेजी विभाग प्रभारी डॉक्टर वंदना चौहान के द्वारा कार्य किया गया।

 

कार्यक्रम का समापन समाजशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुरेखा घिल्डियाल और डॉ. श्रद्धा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र/छात्राएं पारस नेगी, स्वाति,  निकिता, संजना, तुषारिका,  वैशाली, मिष्ठा ,ज्योति नेगी, मनीषा नेगी, नीलम, हिमानी संध्या, साकिब आदि छात्राएं उपस्थित रहे।

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