नैनीताल- मानव संसाधन विकास केंद्र कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा पर्यावरण विसय पर आयोजित पुनरिस्च्या कोर्स में शोध निदेशक प्रो ललित तिवारी ने जैव विविधता तथा औषधि पौधो पर व्याख्यान दिया । कार्यक्रम में देश के 60प्रतिभागी प्राध्यापक भाग ले रहे है । प्रो तिवारी ने कहा के मानव भी जैव विविधता का हिस्सा हैं उसकी जिम्मेदारी है
कि वो जैव विविधता को संरक्षित करे तथा सतत विकास में योगदान दे । औषधीय पौधे पर व्याख्यान देते हुए प्रो तिवारी ने कहा की लगभग 12से 18प्रतिसत पौधे अभी तक औषधीय ज्ञात हुए है पूरे विश्व मे किंतु भारत में 44प्रतिसत है । उन्होंने अस्टवर्ग पौधो की जानकारी देते हुए कहा की इसमें से 5 प्रजाति दुर्लभ श्रेणी में आ गई है
इसलिए दोहन के साथ नई पौध भी लगानी होगी ।उत्तराखंड में इसकी खेती की अपार संभावना है किंतु नियम बनाने की जरूरत है। ईसबगोल ,सीना ,सोन पत्ती ,गिलोय ,अश्वगंधा की बहुत डिमांड है। पुनर्यचा कोर्स ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है।
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