उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया गया कृषक वैज्ञानिक संवाद  बैठक का आयोजन… 

ख़बर शेयर करें -

रूद्रपुर-जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त की अध्यक्षता में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आत्मा परियोजना के सौजन्य से जनपद में मक्का उत्पादन हेतु कृषक वैज्ञानिक संवाद बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों, किसानों तथा कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न विकास खण्डों मे गिर रहे भू-जल स्तर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद में खेती सतत् रूप से चलती रहे और जनपद का भू-जल स्तर भी न गिरे।

 

उन्होंने कहा कि समर पेडी के स्थान पर वैकल्पिक रूप से मक्का की खेती एवं अन्य दलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि मक्का उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले। जिलाधिकारी ने जनपद में मक्का की कीमत निर्धारित करने हेतु कम्पनियों के अधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिये। जिलाधिकारी ने समस्याएं एवं सुझाव जानने तथा एक प्रभावी कार्य योजना तैयार कराने के लिए मक्का की आवश्यकता वाली कम्पनियों,

यह भी पढ़ें 👉  डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग में आज गीतांजलि उपाध्याय ने दी पी एच डी की अंतिम मौखिक परीक्षा......

 

मक्का बीज उत्पादकों तथा किसानों के साथ अलग-अलग बैठक कराने के पश्चात शीघ्रता से एक संयुक्त बैठक आयोजित कराने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये ताकि कम्पनियों तथा किसानों में सहमति के आधार पर अच्छी कार्य योजना तैयार की जा सके। जिलाधिकारी ने रिद्धी सिद्धी तथा गुजार अम्बुजा कम्पनी के प्रतिनिधियों से स्थानीय मक्का उत्पादक किसानों की भुगतान लिस्ट मुख्य कृषि अधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा ताकि जनपद में मक्का उत्पादक किसानों की वास्तविक संख्या पता चल सके।

यह भी पढ़ें 👉  पुलिस ने शराब की तस्करी कर रहे 01 व्यक्ति को कुल 100 पाउच अवैध कच्ची शराब के साथ किया गिरफ्तार…..

 

जिलाधिकारी ने किसानों तथा मक्का उत्पादक किसानों को आपस में जोड़ने के लिए एफपीओ बनाने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा ने बताया कि धान की दो फसल लेने से खरीफ की मुख्य फसल में कीट एवं रोगों का प्रकोप बढ़ाने की संभावना रहती है, भू-जल स्तर गिरता है, मृदा का स्वास्थ्य खराब होना, मृदा में कडी परत का बनना, भूमि में दो बार पडलिंग से मिथेन गैस का उत्पादन होना जोकि र्प्यावरण के लिए हानिकारक है आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  डीएसबी परिसर में आज कुमाऊं विश्वविधालय का 51 वा स्थापना  दिवस मनाया गया..........

 

उन्होंने बताया कि समर पेडी के स्थान पर मक्का का उत्पाद किया जा सकता है या दलहनी फसलों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने मक्का उत्पादन से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में कृषकों द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये तथा कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बात रखी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, किसान ठा0 जगदीश सिंह, अनिल दीप महल, रवि कान्त वर्मा, अमरजीत सिंह, विशाल मण्डल, राहुल कुमार, अशोक सिंह, मनोज सिंह, सुरेन्द्र गाबा, अमित कुमार, इन्द्रजीत सिंह सहित विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave a Reply