हल्द्वानी (जफर अंसारी) केंद्र सरकार के किसान बिल वापस लिए जाने को लेकर जहां आज पूरे देश में किसानों के लिए जश्न का माहौल है तो वही किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि किसान हित में तीनों बिलों को वापस लेने के बाद कांग्रेस भी इसे केंद्र सरकार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा करार दे रही है जहां कांग्रेस केंद्र सरकार के तीनों बिलों को वापस लेने पर इसे चुनावी एजेंडा करार दे रही है तो वही उत्तराखंड में कांग्रेसी कार्यकर्ता इसे किसानों की जीत बता रहे हैं कांग्रेस पब्लिसिटी कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष, सुमित हृदयेश का कहना है कि केंद्र सरकार के किसान बिल लिए वापस लिए जाने के बाद अब किसान आंदोलन के दरमियान जान गवाने वाले किसानों को आर्थिक सहायता के तौर पर मुआवजा राशि देनी चाहिए और किसानों से उनके कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर माफी मांगनी चाहिए।
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