
देहरादून: बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों के कल्याण के लिए सरकार ने एक अहम पहल की है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण विभाग ने राज्य में स्टेट रिसोर्स सेंटर पोर्टल बनाने का निर्णय लिया है, जिससे इन बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, पोक्सो पीड़ित, कुपोषित, दिव्यांग, नशे के शिकार और एचआईवी/एड्स प्रभावित बच्चों का एकीकृत डाटा तैयार किया जाएगा।
स्टेट रिसोर्स सेंटर पोर्टल की विशेषताएं:
- विभिन्न सरकारी विभागों से बच्चों से जुड़ी सभी जानकारियां एकीकृत रूप से एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।
- बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, पोक्सो पीड़ित, कुपोषण, एनीमिया, दिव्यांगता और नशे के शिकार बच्चों की जानकारी इसमें शामिल की जाएगी।
- बच्चों के कल्याण और पुनर्वास से जुड़ी योजनाओं, नीतियों और अनुसंधानों की विस्तृत जानकारी भी इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
- इस पोर्टल के माध्यम से बेसहारा बच्चों तक सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावी रूप से पहुंचाया जा सकेगा।
अहम बैठक में हुआ फैसला
इस संबंध में मंगलवार को महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य की अध्यक्षता में सचिवालय में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पुलिस, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, आईसीडीएस, समाज कल्याण, कौशल विकास, पंचायती राज एवं खेल विभागों के नामित नोडल अधिकारियों सहित एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन और पर्वतीय बाल मंच के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्टेट रिसोर्स सेंटर के लिए एक पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों से बच्चों से संबंधित आंकड़े अपलोड और एकीकृत किए जाएंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में बच्चों के कल्याण, सुरक्षा और पुनर्वास को सुव्यवस्थित करना है।
15 अप्रैल तक पोर्टल बनाने के निर्देश
बैठक में विभाग निदेशक प्रशांत आर्य ने 15 अप्रैल तक पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए। यह पोर्टल विभिन्न विभागों के सहयोग से संचालित होगा, जिससे जरूरतमंद बच्चों को आवश्यक सहायता और संसाधन शीघ्रता से उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस संबंध में अगली समीक्षा बैठक 18 अप्रैल को आयोजित की जाएगी, जिसमें पोर्टल के विकास की प्रगति पर चर्चा की जाएगी। बैठक में विभाग की उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, राजीव नयन तिवारी सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बच्चों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह पोर्टल बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों के कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा और वंचित बच्चों को पुनर्वास का अवसर मिलेगा। सरकार की यह पहल निश्चित रूप से बच्चों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

