नैनीताल-कुमाऊं यूनिवर्सिटी के डी एस बी परिसर के वनस्पति विभाग तथा निदेशक पर्यावरण द्वारा पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन जेएनयू के पूर्व प्रोफ़ेसरस तीश गरकोटी ने पर्यवरण चुनौती पर व्यखान दिया । उन्होंने कहा कि विकसित देशों में प्रदूषण ज्यादा है
तथा विकाशील में कम है सोमालिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहा भूमि संरक्षित नहीं तथा बंजर हो गई।पानी के बिना समाज के साथ क्षेत्रीय असंतुलन बड़ा है। कार्बन डाइऑक्साइड ४१५पीपीएम तक पहुंच चुकी है। नैनीताल में बड़ते निर्माण पर उन्होंने चिंता प्रकट की तथा कहा की पर्यावरन बचाना सबकी जिम्मेदारी है आवास क्षय पर उन्होंने कहा की ये जैव विविधता को नुकसान पहुंचा रही है।।इस अवसर पर प्रो सतीश गरकोटी को शॉल पहनाकर बैच लगा कर फूलो का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया
स्लोगन प्रतियोगिता में २४तथा पोस्टर में ४२ प्रतिभागियों ने भाग लिया मुख अतिथि प्रो सतीश गरकोटी ने स्लोगन एवम पोस्टर का अवलोकन किया निर्णायक प्रो रमेश चंद्र डॉक्टर गीता तिवारी डॉक्टर रीना सिंह रहे । सभी निर्णायक का बैच लगाकर स्वागत किया गया, विभागाध्यक्ष प्रो एसएस बरगाली ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्य क्रम का संचालन करते हुए
निदेशक शोध प्रो ललित तिवारी ने पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला प्रो गरकोटी ने पाम का एक पौधा भी रोपित किया ।आज के इस कार्यक्रम में वनस्पति विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो वाई. एस रावत विभागाध्यक्ष प्रो जीत राम डॉक्टर . किरन बर्गली,डॉक्टर सुषमा टम्टा डॉक्टर अनिल बिष्ट डॉक्टर नीलू लोधियाल, डॉक्टर . हर्ष चौहान,डॉक्टर नवीन चंद्र पांडे, डॉक्टर प्रभा पंत,डॉक्टर हेम जोशी. एम सी जोशी जगदीश गोपाल बिष्ट वीरू मोहित हिमानी दिशा सौम्या प्रीति रिया जोशी कुंजिका कविता अर्चना भावना रचिता वर्तिका चारु शीतल हिमांशु वसुंधरा प्रभा रिया भट्ट इरफान विशाल बिष्ट सहित एमएससी के विद्यार्थी मौजूद रहे।
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