
पौड़ी- कार्यक्रम में उनका परिचय कॉलेज के नोडल प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह द्वारा कराया और बताया गया की रावत अपने गाँव जयहरीखाल में अपने खाली घर को होमस्टे में विकसित किया है और पिछले तीन वर्षों से इस उद्यम को सफलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं। उन्हें इस उद्यम से न केवल अच्छी आय प्राप्त हो रही है, बल्कि मेहमानों से मिलने वाली सकारात्मक प्रतिक्रिया और मौखिक प्रचार भी उनके लिए प्रेरणादायक है। रावत ने बताया कि जयहरीखाल में कई होटल हैं, जिनकी दरें अधिक हैं, लेकिन उनके होमस्टे की सस्ती दरों और आत्मीय माहौल के कारण मेहमान नियमित रूप से उनके यहाँ आते हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि तीन वर्ष पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ से कड़कनाथ मुर्गे खरीदे , लेकिन इस उद्यम में उन्हें सफलता नहीं मिली।

लेकिन मैने हार नहीं मानी और दोबारा प्रयास किया उन्होंने बताया की कड़कनाथ मुर्गे में अन्य प्रजातियों की तुलना में 3% अधिक आयरन होता है और इसके एक अंडे की कीमत लगभग 40-50 रुपये है, जो अच्छा लाभ देता है। कार्यक्रम मे विमल रावत ने अपने होमस्टे की तस्वीरें और वीडियो को साझा किया । और होम स्टै मे आने वाले मेहमानों के साथ अपने आत्मीय संबंधों पर प्रकाश डाला और बताया कि उनके मेहमान नियमित रूप से उनके होमस्टे में ही आते हैं। उन्होंने छात्रों और प्रतिभागियों को अपने उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सही योजना और मेहनत से कोई भी उद्यम सफल बनाया जा सकता है। नोडल प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह ने उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा राज्य नए उद्यमियों की मदद से प्रगति कर सकता है।
उन्होंने प्रतिभागियों को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रो एल आर राजवंशी द्वारा इस अवसर पर अपने वक्तव्य में कहा कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम युवाओं को स्वावलंबी बनाने और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि श्री विमल रावत की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक मिसाल है और यह साबित करती है कि सही योजना, लगन और मेहनत से कोई भी उद्यम सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आएं और अपने सपनों को साकार करें।
