
पौड़ी – अनु0 जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के बैनर तले आयोजित होने वाला “23 जून सचिवालय कूच” अब केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि जनचेतना और सामाजिक न्याय की प्रतीकात्मक हुंकार बन चुका है। एसोसिएशन के पौड़ी अध्यक्ष जगदीश राठी ने बताया कि यह रैली उन सवालों को लेकर है, जिन पर वर्षों से सत्ता मौन है।”यह केवल एक प्रदर्शन नहीं, यह सामाजिक अन्याय के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष की शुरुआत है,” राठी ने कहा।

मुख्य मांगें:
जस्टिस इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जाए।
2019 के बाद रोस्टर प्रणाली में हुए अन्याय का समाधान हो।
सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों की तत्काल भर्ती हो।
शिक्षा व अन्य संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगे।
SC/ST वर्ग के आरक्षण का पूर्ण पालन हो।
राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
राठी ने आगे कहा,
“यह लड़ाई उन लोगों की भी है, जो सत्ता की चुप्पी में दबे हैं और बदलाव की आस में जी रहे हैं। जब हम सब मिलकर जागेंगे, तभी नई दिशा बनेगी।”उन्होंने शिक्षकों, कर्मचारियों, युवाओं और सभी संवेदनशील नागरिकों से 23 जून को देहरादून परेड ग्राउंड पहुंचने की अपील की।
