हरिद्वार (वन्दना गुप्ता) देश विदेशों में विख्यात धर्म नगरी हरिद्वार को मोक्ष का द्वार कहा जाता है क्योंकि पहाड़ों से निकलकर मां गंगा का समतल स्थान भी हरिद्वार ही है इसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है आगामी कुंभ मेला शुरू होने वाला है और कुंभ मेले को धार्मिक दृष्टि से भव्य रूप देने में मेला प्रशासन जुटा हुआ है मेला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में कई ऐसे द्वार बनाए जा रहे हैं जो काफी आलौकिक है जिनको देखकर मन में एक अलग ही उमंग देखने को मिलेगी क्योंकि इन द्वारों को उत्तराखंड की संस्कृति से सजाया और संवारा जा रहा है
प्राचीन समय में राजा महाराजा अपने नगर को सजाने के लिए बड़े-बड़े द्वारों का निर्माण कराया करते थे मगर आज के युग में यह परंपराएं विलुप्त होती जा रही है क्योंकि आज डिजिटल जमाना चल रहा है और लोग अपनी पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं मगर कुंभ मेले में मेला प्रशासन उन्हीं पुरानी सभ्यता के साथ कुंभ मेले को भव्य और सुंदर बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है कुंभ मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में कई ऐसे द्वार बनाए जा रहे हैं जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को दिखाने का कार्य करेंगे कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु इन भव्य और सुंदर द्वारा को देखकर आनंद की अनुभूति करेंगे
कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि द्वारों का कार्य हरिद्वार में कई जगह चल रहा है हर की पौड़ी चौकी मेला भवन हाथी पुल और ललतारा पुल पर द्वार बनाए जा रहा है साथ ही बस अड्डे पर भी भव्य द्वार बनाया जा रहा है मेला अधिकारी का कहना है कि इन द्वारों के बनने से सुंदरता भी देखने लायक हो रही है हमारे द्वारा नमामि गंगे के साथ भी मिलकर कई टेंपरेरी वेलकम द्वार भी बनाए जाएंगे इन द्वारों के माध्यम से हम गंगा कुंभ के साथ उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने का कार्य करेगे
स्थानीय निवासी भी द्वार बनाने के कार्य को काफी सराहा रहे हैं स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह बहुत ही अच्छी पहल की गई है द्वार के माध्यम से हरिद्वार और उत्तराखंड की संस्कृति दिखाई जा रही है क्योंकि कुंभ का महान पर्व हरिद्वार लगने वाला है इसमें जितने भी देश दुनिया से यात्री हरिद्वार आएंगे उनको कुंभ की भव्यता का अनुभव होगा क्योंकि इन द्वारो में जितने भी चित्र बनाए गए हैं वह उनके ज्ञान को दर्शाते है क्योंकि यह भगवान के बहुत ही मनमोहक दृश्य है कोई भी श्रद्धालु हरिद्वार आएगा तो उनके मन को भा जाएगा और उनका हरिद्वार से जाने का ही मन नहीं करेगा स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके साथ ही कई और प्रकार की सजावट का कार्य भी मेला प्रशासन को करना चाहिए इन द्वारो को देखकर हमें भी काफी अच्छा महसूस हो रहा है