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सैकड़ों ग्रामीणों को समाज से जोड़ने वाले पुल का अस्तित्व खतरे में

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चमोली – (जितेन्द्र कठैत) बरसात आते ही गाँव मे कैद हो जाती जिन्दगियां। टूट जाते हैं आने जाने के सम्पर्क। उत्तराखण्ड राज्य बने हुए 21वीं सदी के 21वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज भी डिजिटल इंडिया के  विकास की दौड़ में  निजमुला क्षेत्र के सुदूरवर्ती गाँव पाणा, इराणी के हालात आज भी बद से बत्तर हैं। जहाँ अभी बरसात सुरु भी नही हुई है और पाणा, इराणी गाँव को जोड़ने वाला ये पुल खुद को बचाने की होड़ में लगा है। तेज बहाव की लहरें सहता ये पुल किसी भी दिन अपना अस्तित्व खो सकता है। और सैकड़ों ग्रामीणों का सम्पर्क व जन जीवन समाज से अलग हो जाता है। इस दौरान गाँव मे गर्भवती महिलाएं, बीमार लोग, भगवान भरोसे गाँव मे ही कैद हो कर रह जाएंगे। आखिर कब तक इन गाँवों में वह विकास पहुँच पायेगा जिसके चर्चे अक्सर उत्तराखण्ड के नेताओं के जुबानों पर आते रहते हैं ।और इन पहाड़ी गॉवों का विकास राजनीतिक दलों के जिन्दाबाद के नारों और भाषणो के बीच गुम हो जाता है। ।

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