हरिद्वार (वंदना गुप्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जब से सूबे की कमान संभाली है तब से वह चर्चाओं मैं है एक तरफ मुख्यमंत्री हिंदुओं के सबसे बड़े महाकुंभ को लेकर चर्चाओ में थे तो वही प्रधानमंत्री की तुलना भगवान राम कृष्ण कर डाली तीरथ सिंह रावत का महिलाओं पर एक बयान गले की हड्डी बनता जा रहा है मुख्यमंत्री ने कल महिलाओं की फटी सीन्स पर एक बयान दिया जिसका साधु संत भी विरोध कर रहे हैं जगतगुरु शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को उनके बयानों को लेकर नसीहत दी है शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि महिलाओं के कपड़े पहनने के बारे में बोलने से पहले भारतीय संस्कृति का ख्याल रखना चाहिए भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दें यह बात ठीक है लेकिन पूरे भारत में अंग्रेजी को बढ़ावा देने वाले लोग महिलाओं के कपड़े पहनने पर आलोचना करने लग जाए और वह भी एक जिम्मेदार पद पर बैठकर यह भी काफी निंदनीय है इनका कहना है कि महिलाएं तय करेगी उन्हें क्या पहनना है मगर सबसे पहले उनको भारतीय संस्कृति की शिक्षा देनी चाहिए क्योंकि भारत में मदरसों में इस्लाम की शिक्षा दी जाती है इसाई अपने धर्म की शिक्षा दे रहे हैं देश में सबसे ज्यादा हिंदुओं की संख्या है मगर भारत सरकार द्वारा चलाए जाने वाले किसी भी विद्यालय में धर्म की शिक्षा क्यों नहीं दी जा रही जब भारतीय संस्कृति की शिक्षा विद्यालय में दी जाएगी तो वो अपने आप ही इस तरह के कपड़े पहनना छोड़ देंगे पहले वो खुद ही इस तरह का वातावरण बनाएंगे और उसके बाद दूसरों के ऊपर उंगली उठाएंगे यह ठीक बात नहीं है अविमुक्तेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम और कृष्ण की तरह पूजे जाने के बयान को लेकर कहा कि जब हम किसी के लिए कुछ कार्य करते हैं तो वह हमें भगवान के रूप में पूजता है क्योंकि मुख्यमंत्री बनने से पहले इन्हें कोई सपना नहीं आया था कि यह मुख्यमंत्री बनने वाले हैं मगर अचानक आदेश आया कि ने मुख्यमंत्री बनना है तो उनके लिए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान ही है इनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया भगवान राम और कृष्ण की तरह भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूजा होगी मगर राम कृष्ण की पूजा की तरह राम कृष्ण की तरह आचरण भी होना चाहिए और अगर ऐसे आचरण किसी के होगे तो उनकी पूजा अपने आप ही होगी मगर अब की परिस्थिति बहुत अलग है और भविष्य के बारे में कोई बता नहीं सकता वही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कि कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने वहां के डीएम को चिट्ठी लिखकर शिकायत करी है कि रोज सुबह होने वाली अजान से उनकी नींद में खलल पड़ता है इसको लेकर देशभर में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है इस मामले पर अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि जब इस मामले पर कोई बड़ा व्यक्ति बोलता है तभी देश में इसकी चर्चा होती है मगर करोड़ों लोग हैं जिसकी अजान होने की वजह से नींद में खलल होता है और संतो का ध्यान करना मुश्किल हो जाता है परेशानी सभी लोगों को है यह देश के करोड़ों लोगों की आवाज है इस तरह के कार्य से हम किसी दूसरे धर्म के लोगों को परेशान नहीं कर सकते अगर आजान पढ़नी ही है तो माइक पर क्यों पड़ी जाए अगर हिंदुओं के मंदिरों पर माइक पर शिव तांडव बोलना शुरू कर दे तो देश भर में तांडव शुरू हो जाएगा मुस्लिम भाइयों को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिए बयान पर उन्हें नसीहत दी तो वही अजान को लेकर देशभर में हो रहे विवाद पर कहा कि अगर हिंदू अपने मंदिरों पर लाउडस्पीकर लगाकर शिव तांडव चलाना शुरु कर दे तो देश भर में तांडव शुरू हो जाएगा क्योंकि अजान की वजह से करोड़ों लोग परेशान होते हैं इस वजह से मुस्लिम भाइयों को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है
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