चमोली (जितेन्द्र कठैत) चमोली के जोशीमठ ब्लॉक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हेलीकॉप्टर द्वारा सेना हेलीपेड जोशीमठ पहुचे , इसी बीच उन्होंने सुमना में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर गिरे ग्लेशियर का हवाई सर्वेक्षण किया । उन्होंने कहा कि सेना , जिला प्रशासन व आईटीबीपी और एनडीआरएफ सहित बीआरओ वहां पर युद्ध स्तर पर रेस्क्यू का कार्य कर रही है । आठ लोगों के मरने की सूचना है 6 शव मिल चुके हुए है जबकि 4 लोग घायल बताए जा रहे है। तिब्बत चाइना बॉर्डर पर ग्लेशियर सुमना – रिमखिम सड़क पर सुमना से लगभग 4 किमी दूर एक स्थान पर टूटा । यह जोशीमठ – मलारी- गिरथिडोबला– सुमना- रिमखिम क्षेत्र में स्थित है। एक सेना शिविर सुमना से 3 किलोमीटर (बीआर सुमना डिटेल से लगभग 1 किलोमीटर छोटा) स्थित है। इस क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से भारी बारिश और हिमपात हुआ है । भारतीय सेना द्वारा तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। 291 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है और अब वे आर्मी कैंप में हैं। दोनों शिविरों में अन्य मजदूरों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है मल्टीपल लैंड स्लाइड के कारण 4 से 5 स्थानों पर सड़क की पहुंच कट जाती है। जोशीमठ से बीआरटीएफ की टीमें बीती शाम से भापकुंड से लेकर सुमना तक की स्लाइड्स को साफ करने में लगी हैं। इस पूरी सड़क को साफ करने में 6 से 8 घंटे लग सकते हैं। उक्त घटना की जानकारी प्राप्त होते ही बचाव इकाइयां ,शासन व प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया। रात्रि मौसम अत्यधिक खराब होने व अत्यधिक बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध होने के बाद भी SDRF रेस्क्यू टीम इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा के नेतृत्व में रेस्क्यू हेतु रवाना हुई। जोशीमठ से 31 किलोमीटर आगे रात्रि में ही सुराईथोटा पहुंचे जहां ग्रीफ का बेस कैंप है ग्रीफ कमांडर से संपर्क किया गया ग्रीफ बेस कैंप से 31 किलोमीटर आगे मलारी है और वहां से 16 किलोमीटर आगे सुमना पोस्ट है जहां चमोली डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल ने घटना होना बताया है। SDRF रेस्क्यू टीम इंचार्ज इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा द्वारा सेटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि SDRF की 9 सदस्यीय टीम बर्फबारी से रास्ता अवरुद्ध होने के कारण पैदल भाप कुंड पहुंची है और ग्रीफ के 20 जवानों के साथ पैदल ही घटनास्थल पर जा रही है।