हल्द्वानी। कोविड-19 का कहर दोबारा वापस आ गया है। सरकार और प्रशासन इस मामले में सख्ताई बरतते हुए मास्क व कोरोना गाइड लाइन नियमों का पालन करने पर अडिग है। वहीं हल्द्वानी उपकारागार कें बाहर कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। जहां कैदियों से मुलाकातियों के मुंह पर न तो मास्क ही था और नहीं कैदियों के लिए जा रहे सामान को सेनेटाइज किये जाने की व्यवस्था थी। हालाकि जेल प्रशासन का कहना है कि जेल के दूसरे वाले गेट पर अन्दर ले जाये जा रहे सामना को सेनेटाइज किया जा रहा है लेकिन वहां पर एक बंदी रक्षक बिना बिना मास्क और हाथो में बिना दस्तानो के नजर आया। इससे जेल प्रशासन के दावे पर सवालिया निशान तो लगते ही हैं वहीं महामारी के प्रति लापरवाही भी साफ झलकती है।आपको बता दें कोविड-19 का प्रकोप लगातार बढ़ता नजर आ रहा है बावजूद इसके हल्द्वानी उप कारागार में भारी खामियां देखने को मिली ड्यूटी टाइम पर बंदी रक्षक हरीश पांडे बिना मास्क के एवं बिना वर्दी के ड्यूटी पर तैनात पाए गए
ज्ञात हो वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इसके लिए प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसके लिए कही – कही नाइट कफ्र्य तक लगाया गया है। वहीं देखने में आ रहा है कि कुछ स्थानों पर अभी भी इन नियमों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इनमें हल्द्वानी उपकारागार में भी यह नियम टूट रहा है। आलम यह है यहां पर कैदियों से मिलने आने वाले उनके परिजन न तो मास्क पहने हुए हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। जेल गेट के बाहर अधिकतर लेाग बिना मास्क के ही नजर आ रहा हैं। हालाकि कुछ लोगों ने मास्क पहनने हुए थे लेकिन सामाजिक दूरी का पालन करने में वे बेखबर थे। यहां तक कि बच्चे भी मास्क नहीं पहने हुए थे। जैसे ही कैमरा मास्क नहीं पहनने वाले लोगों की तरफ घूमा तो उन लोगों ने मास्क लगा लिये। हालाकि कुछ लोग फिर भी बेखबर नजर आये। साथ ही आप तस्वीर में देख सकते है की किस तरह एक बंदी रक्षक बिना मास्क के मुलाकातियों के बीच से हो कर जाता नज़र आ रहा है
संतोषजनक जवाब नहीं दे सके जेलर
हल्द्वानी। जेलर संजीव हृयांकी का कहना है कि जेल में जो सामान जाता है वह गेट नम्बर दो पर सेनेटाइज होता है। वहीं बाहर मास्क नहीं पहनने वालों के संबंध में उनका कहना था कि लोगों को मास्क पहनना चाहिए।
बंदीरक्षक ने नहीं पहना था मास्क
हल्द्वानी। कोरोना का ग्राफ दिन पर दिन बढ़ते जा रहा है लेकिन जेल प्रशासन कैदियों के प्रति कितना लापरवाह है इसकी बानगी यहां गेट देखने को मिली जब एक बंदी रक्षक बिना मास्क के नजर आया। अगर वहां कोई कोराना का मरीज पाया गया तो कौन जिम्मेदार होगा।
जेल में बंद है लगभग 1700 बंदी
हल्द्वानी। हल्द्वानी जेल में 1700 से अधिक बंदी/कैदी बंद हैं जबकि यहां पर कैदियों की क्षमता 382 कैदियों की है। इतनी संख्या में कैदी होने पर काफी सावधानी की जरूरत है। वर्तमान में जिस प्रकार से राज्य के अनेक संस्थान कोरोना से ग्रसित हैं। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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