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कोविड गाइडलाइन के बीच रात्रि रवाना होगा मां बाल सुंदरी का डोला

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काशीपुर (सुनील शर्मा) देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना की दूसरी लहर के बीच मां बाल सुंदरी देवी का डोला  मध्य रात्रि का असर भगवती मां बाल सुंदरी का डोला मध्यरात्रि में चैती मंदिर के लिए शोभायात्रा के साथ रवाना होगा। दोपहर 2:00 बजे भगवती बाल सुंदरी को पंडा मनोज अग्निहोत्री के आवास पर सार्वजनिक दर्शनों के लिए फूलों एवं पारंपरिक वस्त्रों में सजा कर रख दिया गया है। रात्रि 12:00 बजे पंडा वंश गोपाल प्रमुख पंडा कृष्ण गोपाल अग्निहोत्री की देखरेख में विधि विधान के साथ हवन पूजन होगा इसके बाद मध्य रात्रि 2:30 से 3:00 बजे के लगभग सहायक पंडा मनोज अग्निहोत्री देवी प्रतिमा को गोद में बैठाकर डोली में बैठकर जुलूस के साथ चैती मंदिर के लिए रवाना होंगे जहां देवी मां बाल सुंदरी सुबह 4:00 बजे आरती स्वीकार करेंगी। उत्तर भारत के ऐतिहासिक मेलों में शुमार चैती मेले में मां बाल सुंदरी देवी का डोला मध्यरात्रि मोहल्ला पक्का कोट स्थित नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए रवाना होगा। दोपहर 2:00 बजे से मां की स्वर्ण निर्मित प्रतिमा को पंडा मनोज अग्निहोत्री के आवास पर दर्शनों के लिए रख दिया गया है जहां श्रद्धालु मां के दर्शन करने तथा मां को प्रसाद चढ़ाने के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। इस मौके पर सहायक पंडा मनोज अग्निहोत्री ने मां के स्वरूप के बारे में बताया कि मां बाल सुंदरी देवी की यह अकेली प्रतिमा है जो कि बाल रूप में है मां के चेहरे के दर्शन करने पर एक अबोध बालिका जैसा भोलापन और तेज विराजमान है साथ ही मां के सिर पर मुकुट है जो कि महालक्ष्मी का प्रतीक है तथा दाएं हाथ में कमल है जो कि मां सरस्वती का प्रतीक है तथा बाएं हाथ में प्याला है जो महाकाली का प्रतीक है। इसलिए मां बाल सुंदरी देवी कि इस प्रतिमा में मां के तीनो रूप विद्यमान हैं। उन्होंने बताया कि मां सप्तमी एवं अष्टमी की मध्य रात्रि नगर मंदिर से शहर से होते हुए चैती मंदिर पहुंचेगा। जहां सुबह से मां के भवन में भक्तों की हजारों की संख्या में भीड़ मां के दर्शन करने तथा प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ पड़ेगी। इसके बाद मां का डोला चतुर्दशी तिथि के दिन वैदिक मंत्रोच्चार के बाद मां का डोला वापस नगर मंदिर पहुंचेगा।

 

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