लालकुआ (जफर अंसारी) कृषि कानून रद्द करने की मांग पर किसान संयुक्त मोर्चा द्वारा आहूत 26 मार्च के भारत बन्द के समर्थन में भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा, पछास, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र द्वारा कार रोड स्थित कार्यालय के सम्मुख एकत्र होकर लालकुआं रेलवे स्टेशन तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया गया। जुलूस के पश्चात रेलवे चौराहे पर सभा की गई।इस मौके पर किसान नेता कैलाश पाडे ने कहा कि मोदी सरकार एक तरफ किसानों से वार्ता को एक टेलीफोन की दूरी पर बता रही है, दूसरी तरफ इन कानूनों को जल्दबाजी में लागू करने पर जोर दे रही है। केंद्र सरकार का यह कदम चार माह से दिल्ली के बॉर्डरों और देश भर में आंदोलन में डटे किसानों की पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है।उन्होंने चेतावनी दी कि मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस ले, एमएसपी गारंटी कानून बनाए ऐसा न होने पर किसान आंदोलन और तेज होगा।उन्होंने ने कहा कि खेती-किसानी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ़ किसान और मजदूर लगातार सड़कों पर उतर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए उनकी माँगों की लगातार अनदेखी कर रही है। निजीकरण के खिलाफ़ यह लड़ाई आर पार के संघर्ष में तब्दील होती जा रही है। तीन सौ किसानों की शहादत के बाद भी चल रहे आंदोलन ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि देश के ऊपर मोदी सरकार के नए कंपनी राज थोपने के मंसूबों को ध्वस्त करने तक यह लड़ाई रुकने वाली नहीं है।